विश्व दिव्यांगता दिवस पर दृष्टिबाधित छात्राओं ने दिखाई अपनी अद्भुत प्रतिभा
जयपुर, 3 दिसंबर।
विश्व दिव्यांगता दिवस के उपलक्ष्य में दिव्य ज्योति सेवा संस्थान द्वारा संचालित दिव्य ज्योति दृष्टिबाधित कन्या शिक्षण संस्थान एवं पुनर्वास केंद्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। इसमें दृष्टिबाधित छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रेरणादायक प्रस्तुतियां
इस अवसर पर छात्राओं ने दिव्यांगता पर आधारित गीत, कविताएं, और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जो बेहद प्रेरणादायक और भावुक कर देने वाली थीं। उनकी प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया और यह साबित किया कि दिव्यांगजन भी समाज के अन्य वर्गों की तरह प्रतिभाशाली हैं, बशर्ते उन्हें सही दिशा और समर्थन मिले।
संस्था के संस्थापक का संदेश
संस्था की संस्थापक श्रीमती रेनू शर्मा ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा,
“दिव्यांग बच्चे किसी से कम नहीं होते। यदि इन्हें सही अवसर और सहयोग प्रदान किया जाए, तो ये अपनी योग्यता और कौशल से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह हमारा दायित्व है कि हम इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कार्य करें और समाज में इनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें।”
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्र सिंह बाँकावत, अध्यक्ष, भारत विकास परिषद, ने दिव्यांग बच्चों की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा,
“दृष्टिबाधित बच्चियों ने जो प्रस्तुतियां दीं, वे अद्वितीय हैं। यह दिखाता है कि यदि उन्हें प्रोत्साहित किया जाए, तो वे हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं।”
इस अवसर पर श्री ओम प्रकाश रावत (संगठन सचिव, प्रांतीय कार्यालय, भारत विकास परिषद), श्री शंकर लाल दायमा (सचिव), श्री श्याम मोहन व्यास (कोषाध्यक्ष) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
शिक्षकों और समुदाय का योगदान
संस्था की अध्यापिकाएं, जिनमें नेहा माथुर, शीलू देवी, हेमा टेलर, आशा कुमावत, प्रिया, सुरेश कंवर, और कुंदन सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं, ने छात्राओं को इस कार्यक्रम के लिए तैयार किया। शिक्षकों ने बच्चों की मेहनत और लगन की सराहना की और बताया कि यह उनके आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
दिव्यांगजन के लिए विशेष प्रयास
संस्था द्वारा दृष्टिबाधित बच्चियों के पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को अतिथियों ने खूब सराहा। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि दिव्य ज्योति संस्थान शिक्षा के साथ-साथ बच्चियों को रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए भी प्रशिक्षित कर रहा है।
समाज को संदेश
यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि एक ऐसा मंच था जिसने समाज को यह संदेश दिया कि दिव्यांगजन भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन्हें प्रोत्साहन और सम्मान देकर हम समाज को अधिक समावेशी बना सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों और छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उपस्थित लोगों ने संस्थान के प्रयासों की सराहना की और दिव्यांगजन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का आह्वान किया।
दिव्य ज्योति सेवा संस्थान का यह आयोजन न केवल प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि यह संदेश भी दिया कि दिव्यांगता किसी के विकास में बाधा नहीं बन सकती, यदि समाज उन्हें सही दिशा और अवसर प्रदान करे।
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