डेंगू से अब तक 4 मौतें, 344 पॉजिटिव आए, मरीजों की संख्या बढ़ते देख एमसीएच हॉस्पिटल में भर्ती करने की तैयारी, फिर शुरू होगा आईसीयू
बीकानेर
डेंगू के केस अचानक बढ़ने पर प्रशासन हरकत में आ गया है। पीबीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन ओपीडी में रोज 800 से एक हजार मरीज वायरल बुखार और डेंगू के आ रहे हैं, इनमें से 70-80 को भर्ती करना पड़ रहा है। मेडिसिन वार्डों में मरीजों की भीड़ बढ़ते देख सर्जरी के वार्ड ए के 21 बेड डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। एमसीएच हॉस्पिटल के आईसीयू और वार्डों को फिर से शुरू करने की कवायद की जा रही है।
पीबीएम हॉस्पिटल में इन 15 दिनों में डेंगू से दो मरीजों की मौत हुई है। इन्हें मिलाकर इस साल अब तक कुल चार मरीजों की मौत हो चुकी है। जनवरी से अब तक 8076 मरीजों के रक्त की जांच में 344 केस पॉजिटिव आए हैं। इनमें 198 आईपीडी और 146 ओपीडी के हैं।
पीबीएम हॉस्पिटल की सीजनल डिजीज की रिपोर्ट में रविवार को एक ही दिन में डेंगू के 15 रोगी रिपोर्ट हुए हैं। मेडिसिन विभाग के सभी वार्ड फुल हो चुके हैं। मरीजों को जमीन पर सोना पड़ रहा है। डी वार्ड का आधा भाग और ए वार्ड में 21 बेड डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।
इसके अलावा मरीजों की संख्या बढ़ने पर एमसीएच हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं करने की योजना बनाई गई है। गौरतलब है कि कोरोनाकाल में इसे कोविड हॉस्पिटल का रूप दिया गया था। एमसीएच में 500 से अधिक बेड क्षमता है।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी ने सोमवार को पीबीएम अधीक्षक डॉ. प्रमोद कुमार सैनी सहित चिकित्साधिकारियों की मीटिंग लेकर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। पीबीएम अधीक्षक ने बताया कि एमसीएच बिल्डिंग का जायजा लिया गया है। उसकी साफ सफाई कराई जा रही है। यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो वहां तत्काल उन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा।
क्विक रिस्पॉन्स टीम को अलर्ट किया
संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग क्विक रिस्पांस टीमों को अलर्ट मोड पर रखते हुए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ चिकित्सकों की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाए। चिकित्सा विभाग और नगर निगम आपसी समन्वय रखें। साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था हो।
मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष नजर रखें। पॉजीटिव रोगी पाए जाने की स्थिति में तत्काल फॉगिंग एवं एंटीलार्वा गतिविधियां हों। अगले कुछ दिनों तक हर दिन समीक्षा कर अगले दिन की योजना तैयार करें। उन्होंने तेज बुखार, सिर व पेट में दर्द एवं शरीर में कमजोरी जैसे अन्य लक्षण महसूस होने पर नजदीकी चिकित्सालय में चिकित्सक से परामर्श लेने की अपील आमजन से की।
उन्होंने कहा कि डेंगू और मलेरिया के लक्षण होने पर घरेलू उपचार ना करें। मच्छर से होने वाले रोगों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने, घरों के आसपास जमा पानी की निकासी, कूलर-गमले सहित अन्य जगहों का जलभराव ना हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी, पीबीएम अधीक्षक डॉ पी.के. सैनी, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ सुरेंद्र कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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