स्वाश्रयी महिला सेवा संघ ने घरखाता कामगार दिवस पर स्वच्छ आकाश और पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
दिनांक 22 अक्टूबर, 2024 को घरखाता कामगार दिवस के उपलक्ष में स्वाश्रयी महिला सेवा संघ द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के कस्बों और शहरों को स्वच्छ रखना और वातावरण में हरियाली को बढ़ावा देना था। इसमें लगभग 70 बच्चे और कामगार बहनें शामिल हुईं, जिन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने और अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने के महत्व को समझा।
कार्यक्रम में बच्चों और महिलाओं को स्वच्छ आकाश और स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता पर जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि अधिक पेड़-पौधे लगाने से न केवल पर्यावरण साफ-सुथरा रहता है बल्कि हमारी स्वास्थ्य सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए भी यह अनिवार्य है। इसके अलावा, स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए उपस्थित लोगों को प्रेरित किया गया।
स्वाश्रयी महिला सेवा संघ की आगेवान बहनें धापू बेन, इंदु सोनू, तुलसी, प्रीति, प्रेम, सरला, विजय, और कोमल ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने कामगार बहनों और बच्चों को यह समझाने का प्रयास किया कि सफाई और हरियाली बनाए रखना केवल सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है। यह कार्यक्रम इस बात पर जोर देता है कि यदि हम सभी मिलकर स्वच्छता और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करें, तो यह अभियान देशव्यापी बन सकता है और समूचे राष्ट्र को इसका लाभ मिल सकता है।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों और कामगार बहनों ने मिलकर पौधारोपण भी किया और अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वाश्रयी महिला सेवा संघ ने नागरिकों से अपील की कि वे अपने आस-पास स्वच्छता के प्रति सजग रहें और पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम का उद्देश्य और संदेश:
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा देना था। इसके साथ ही, लोगों को यह संदेश दिया गया कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में हर व्यक्ति की भूमिका अहम है। स्वच्छ आकाश और हरित पर्यावरण के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक होकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएंगे और देश को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने में अपना योगदान देंगे।
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