बीकानेर में 19 साल बाद होगा शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा का अनावरण
सरकार और प्रशासन की बेरुखी के चलते परिजनों ने स्वयं आगे बढ़कर लिया निर्णय
बीकानेर। देश की आन-बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा आखिरकार 19 साल के लंबे इंतजार के बाद लगाई जाएगी। यह प्रतिमा उनके परिजनों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से स्थापित की जाएगी, क्योंकि सरकार और प्रशासन से इस दिशा में कोई सहयोग नहीं मिला।
इस संबंध में एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीकानेर का यह वीर सपूत देश के लिए शहीद हो गया, लेकिन सरकार और प्रशासन ने उनकी स्मृति को जीवंत बनाए रखने की कोई पहल नहीं की। इतना ही नहीं, शहीद की 88 वर्षीय वृद्ध मां द्वारा प्रशासन और नेताओं को लिखे गए पत्रों का भी कोई जवाब नहीं मिला।
सरकार और नेताओं की बेरुखी
पत्रकार वार्ता के दौरान गोवर्धन सिंह ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जब कोई सैनिक देश की रक्षा में शहीद होता है, तो सरकार और नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन समय बीतने के साथ ही वे अपने वादों को भूल जाते हैं। शहीद मेजर जेम्स थॉमस के परिवार ने कई बार प्रशासन से आग्रह किया कि उनकी स्मृति में कोई सम्मानजनक स्थान चिन्हित कर वहां प्रतिमा स्थापित की जाए, लेकिन 19 वर्षों तक केवल आश्वासन ही मिले।
“शहीदों की स्मृति को जीवंत रखना हमारा कर्तव्य है, लेकिन अफसोस की बात है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। जब हमें हर स्तर पर निराशा मिली, तो हमने खुद आगे बढ़कर यह निर्णय लिया कि हम अपने संसाधनों से ही प्रतिमा स्थापित करेंगे,” एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने कहा।
अब परिजन खुद लगाएंगे प्रतिमा
शहीद की स्मृति को बनाए रखने के लिए अब उनके परिजनों और स्थानीय समाजसेवियों ने स्वयं आगे बढ़कर प्रतिमा स्थापना का निर्णय लिया है। इसके लिए सीताराम, जो कि शहीदों के परिवारों के वेलफेयर के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं, भी इस पहल में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जनसहयोग से राशि जुटाई जाएगी और जल्द ही प्रतिमा अनावरण की तिथि घोषित की जाएगी।
“यह बेहद दुखद है कि शहीद की मां को अपने बेटे के सम्मान के लिए 19 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि हम अपने शहीदों को भूलने न दें। हम जल्द ही प्रतिमा अनावरण की योजना सार्वजनिक करेंगे,” सीताराम ने कहा।
प्रशासन के पास अब भी है मौका
हालांकि, एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने यह भी कहा कि प्रशासन के पास अब भी मौका है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाए और शहीद के सम्मान में कोई उपयुक्त स्थान तय करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर प्रशासन कोई सम्मानजनक स्थान प्रदान करता है, तो प्रतिमा वहां स्थापित की जाएगी, अन्यथा वे अपने स्तर पर इसे लगाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
शहीद मेजर जेम्स थॉमस: वीरता की मिसाल
शहीद मेजर जेम्स थॉमस भारतीय सेना के एक वीर अधिकारी थे, जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। देश की रक्षा करते हुए वे शहीद हो गए, लेकिन उनकी वीरता की गाथा आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। उनके बलिदान को याद रखने के लिए उनका परिवार और स्थानीय नागरिक लंबे समय से प्रयासरत हैं, लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते यह कार्य अब तक अधूरा था।
समाज में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद समाज में भी आक्रोश है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक शहीद के परिवार को अपने बेटे की स्मृति बनाए रखने के लिए खुद ही कदम उठाने पड़ रहे हैं।
“अगर प्रशासन और सरकार शहीदों के सम्मान में लापरवाह बने रहेंगे, तो आने वाली पीढ़ी में देश के लिए बलिदान देने की भावना कैसे विकसित होगी?” स्थानीय निवासी रामेश्वर लाल ने कहा।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा को सम्मानजनक स्थान मिल पाता है या नहीं। फिलहाल, परिजनों और समाजसेवियों ने यह तय कर लिया है कि वे अब और इंतजार नहीं करेंगे और अपने स्तर पर ही इस प्रतिमा को स्थापित करेंगे।
Add Comment