बच्चों के संग मनाई सार्थक दीवाली
बाड़मेर दीवाली का त्यौहार जब आता है, तो हर कोई अपने परिवार और प्रियजनों के साथ खुशियों से सराबोर हो जाता है। लेकिन इस दीवाली कुछ ऐसा हुआ जिसने एक नई मिसाल कायम की। सृजन फाउंडेशन ने बाड़मेर जिले के थूम्बली में निवास कर रहे जोगी समाज, बंजारा समाज और मंगनीयार परिवारों के बच्चों के साथ दीवाली का त्योहार मनाया, जिससे इन परिवारों की खुशियाँ और भी बढ़ गईं। यह पहल न केवल समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है बल्कि हर जरूरतमंद बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाने का एक सार्थक प्रयास भी है।
सृजन फाउंडेशन की संस्थापिका इंदु तोमर ने इस अवसर पर बच्चों को उपहार देकर उनके जीवन में खुशी के कुछ पल जोड़ने की अनूठी पहल की। उन्होंने बताया, “दीवाली केवल अपने घर तक सीमित न रखते हुए, इसे समाज के जरूरतमंद बच्चों के साथ साझा करने का त्यौहार बनाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के त्यौहार हमें अवसर देते हैं कि हम जरूरतमंदों का सहयोग कर उनके साथ खुशियाँ बाँट सकें।
सृजन फाउंडेशन की इस पहल के दौरान कम्युनिटी समन्वयक रघुवीरसिंह तामलोर और टीम के अन्य सदस्यों, जैसे मृत्युंजय तोमर, ने भी बच्चों के साथ इस अनोखी दीवाली मनाने का अवसर पाया। रघुवीरसिंह तामलोर ने बताया कि दीवाली का असली महत्व तभी समझ आता है जब हम दूसरों के जीवन में भी खुशियाँ लाते हैं। “हमने 30 जरूरतमंद बच्चों को उपहार देकर उनकी दीवाली को यादगार बनाने की कोशिश की है,” उन्होंने कहा।
बच्चों के चेहरों पर बिखरी मुस्कान
जब बच्चों को उपहार मिल रहे थे, तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी। इन बच्चों के लिए ये उपहार दीवाली के किसी चमत्कार से कम नहीं थे। थूम्बली गांव के बच्चों ने इस अवसर पर सृजन फाउंडेशन के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें दिए गए उपहारों से उनकी दीवाली खास बन गई। इस प्रयास से एक बार फिर साबित हुआ कि खुशियाँ बाँटने से ही वास्तविक खुशी मिलती है।
सृजन फाउंडेशन का समाज सेवा में योगदान
सृजन फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है, जो जरूरतमंदों की सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत है। समाज के कमजोर वर्गों के प्रति उनके इस सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है। संस्था की संस्थापिका इंदु तोमर ने समाज सेवा के कार्यों को नई ऊँचाईयों पर पहुँचाया है।
इस दीवाली के अवसर पर सृजन फाउंडेशन का यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना है।
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