DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

बांग्लादेश के खिलाफ रची जा रही थी पाकिस्तान, चीन और यूके से साजिश! आंदोलन में छिपी है ‘असली कहानी’

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

 बांग्लादेश के खिलाफ रची जा रही थी पाकिस्तान, चीन और यूके से साजिश! आंदोलन में छिपी है ‘असली कहानी’

बांग्लादेश के हालात पर नजर रखने के लिए दुनियाभर की अलग-अलग खुफिया एजेंसियों के इनपुट सामने आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसी के पास भी जो इनपुट सामने आए हैं वह बेहद चौकाने आने वाले हैं।

बांग्लादेश में जिस तरीके से तख्तापलट हुआ, उसके पीछे तर्क यही दिया जा रहा है कि वहां शुरू हुए आरक्षण के आंदोलन की वजह से ऐसा हुआ। लेकिन हकीकत में आरक्षण के आंदोलन की वजह से बांग्लादेश बदहाली की ओर पहुंचा है या इसके पीछे और कोई बड़ी साजिश है। दक्षिण एशिया के मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें, तो आरक्षण को लेकर तैयार किया गया आंदोलन महज एक नींव था। लेकिन आंदोलन की उस नींव पर बांग्लादेश को अस्थिर करने की बड़ी साजिश रची गई, उसकी कहानी ही कुछ और है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट भी कुछ इसी और इशारा करती है। जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में माहौल खराब करने के लिए बाकायदा पाकिस्तान, चीन और यूके समेत अमेरिका के कुछ हिस्से से पूर्व संयोजित साजिश को आगे फैलाने का षड्यंत्र रचा गया। ताकि बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल पैदा किया जा सके। 

बांग्लादेश के हालात पर नजर रखने के लिए दुनियाभर की अलग-अलग खुफिया एजेंसियों के इनपुट सामने आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसी के पास भी जो इनपुट सामने आए हैं वह बेहद चौकाने आने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश में शुरू हुए आरक्षण के आंदोलन को भड़काने के लिए दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में सोशल मीडिया के माध्यम से माहौल खराब करने का पूरा ताना-बाना बुना गया। जानकारी के मुताबिक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है, वहां से तकरीबन 41 अलग-अलग नामों से सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर बांग्लादेश के माहौल को लेकर भड़काऊ संदेश तैयार किए गए थे। खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 12 अकाउंट तो ऐसे थे, जो कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका से थे। जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग पाकिस्तान से बांग्लादेश में एक अलग ही कहानी बढ़ाने और लोगों को उकसाने की पूरी साजिश रच रहे थे।

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा चीन, अमेरिका और इंग्लैंड से भी बांग्लादेश के लिए एक अलग ही कहानी तैयार कर माहौल बिगाड़ा जा रहा था। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जिस तरीके की सूचनाओं आगे बढ़ाई जा रही थी, उनमें से ज्यादातर लोगों के हैंडल या तो सेना की अंदरूनी जानकारी रखने वाले लोग थे या फिर वह अलग-अलग तरीकों से अंदरूनी जानकारियां जताकर पूरा प्रोपेगेंडा सेट कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो अमेरिका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन समेत जापान और हंगरी से बांग्लादेश के भीतर चल रहे पूरे आंदोलन को हवा दी जा रही थी। जानकारों का मानना है कि इनमें से बहुत से अकाउंट तो बॉट थे। जबकि कई अकाउंट की तफ्तीश करने पर पता चला है कि इनमें से बहुत से लोग लगातार दक्षिण एशिया के मामलों में पहले से दखल देकर माहौल बिगड़ने की पूरी साजिश रचते आए हैं। बांग्लादेश में लगातार चल रहे आंदोलन को करीब से नजर रखने वाले विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि दरअसल इस आंदोलन की शुरुआत तो आरक्षण को लेकर हुई, लेकिन धीरे-धीरे इसमें विदेशी दखल बढ़ता गया और हालात बदहाल होते चले गए।

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें, तो बांग्लादेश में माहौल को तनावपूर्ण करने के लिए जिस तरीके से जमीन पर आंदोलन चलाया जा रहा था, ठीक उसी तरह से सोशल मीडिया पर भी उग्रता नजर आ रही थी। मिले इनपुट के आधार पर पता चलता है की बड़ी साजिश के तहत 17 जुलाई को सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर कुछ ऐसे इनपुट तैयार किए गए, जिसके आधार पर बांग्लादेश के भीतर माहौल खराब होने की पूरी नींव रखी गई। सूत्रों के मुताबिक 17 जून को बांग्लादेश के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों, जिसमें पाकिस्तान और चीन से कुछ ऐसे हैशटैग तैयार किए गए, जिससे माहौल में गर्मी आई। इसमें बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को बचाने के अभियान के साथ-साथ खालिदा जिया को छुड़ाने और शेख हसीना को सत्ता से उतारने जैसे बड़े अभियान भी शामिल थे। खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक आंदोलन के दौरान ऐसे अभियानों को बांग्लादेश की आवाम तक पहुंचाने के लिए जो टारगेट फिक्स किया गया था, वह पर्याप्त माना जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक 16 जुलाई से लेकर 18 जुलाई के दौरान अलग-अलग माध्यम से तकरीबन 5 करोड़ लोगों तक उस पूरे एजेंडे को पहुंचाया गया, जिसका पूरा खाका चीन और पाकिस्तान जैसे मुल्कों में खींचा गया था।

दक्षिण एशिया के मामलों के जानकार और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवक्ता डॉक्टर अभिषेक प्रताप सिंह कहते हैं कि बांग्लादेश में चल रहे आंदोलन की तासीर को अगर आप समझें, तो पता चलता है कि कैसे इसके भीतर साजिश रची जाती रही। उनका कहना है कि शुरुआत तो आरक्षण को लेकर आंदोलन से हुई थी। लेकिन धीरे-धीरे आंदोलन के बीच में जिस तरीके के अन्य मुद्दे प्रवेश करते गए। वह इशारा करते हैं कि इसके पीछे बड़ी साजिश काम कर रही थी। डॉ अभिषेक कहते हैं कि आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुए आंदोलन में धीरे-धीरे शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने की बात शुरू हुई। जब बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे आंदोलन के दौरान शेख हसीना को सत्ता से हटाने की आवाज बुलंद होने लगी। ठीक इसी दौरान खालिदा जिया को भी जेल से रिहा करने की मांग बीच में उठने लगी। विदेशी मामलों के जानकार और भारतीय विदेश सेवा से रिटायर्ड आलोक सिन्हा कहते हैं कि यह बात बिल्कुल सच है कि आरक्षण आंदोलन के दौरान उन सभी मुद्दों को इसमें शामिल किया गया, जिससे बांग्लादेश में अस्थिरता की स्थिति पैदा हो। यही वजह रही कि सिर्फ शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने की आवाज ही नहीं उठी बल्कि खालिदा जिया को हटाने के साथ-साथ बांग्लादेश की नीतियों और बांग्लादेशी सरकार के स्थानीय और विदेशी मामलों पर आंदोलन के दौरान सवाल उठने लगे।

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आलोक कहते हैं कि जब कोई भी आंदोलन अपने मुख्य मुद्दे से भटक कर उन मुद्दों की ओर चला जाता है, जिससे सरकार की अस्थिरता हो, तो फिर उसके पीछे मंसूबे भी तलाशने पड़ते हैं। उनका कहना है कि जिस तरीके की सूचनाएं लगातार आ रही हैं कि आरक्षण आंदोलन की जमीन पर बांग्लादेश को अस्थिर करने की विदेशी साजिशें रची गईं, वह बहुत हद तक कामयाब होती हुई भी दिख रही हैं। हालांकि इन साजिशों के बदले बांग्लादेश को बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ रही है। आगे के जो हालात नजर आ रहे हैं, उसमें फिलहाल ऐसा नहीं दिख रहा है कि बांग्लादेश अपनी बेहतरी के लिए अब बहुत जल्दी कुछ कर सकेगा। बांग्लादेश के हालात पर फिलहाल भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया और दुनिया भर के अलग अलग मुल्क नजर बनाए हुए हैं।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!