केरल के वायनाड में मौतों का आंकड़ा हुआ 316 पार, अब भी मलबों से निकल रहीं लाशें
केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण अब तक 316 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। कई मामलों में तो पूरा का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। सेना, नौसेना, एनडीआरएफ और पुलिस सहित 3000 से अधिक बचावकर्मी राहत कार्य में लगे हैं।
हाइलाइट्स
- वायनाड में राहत कार्य में जुटी टीमों में 3000 से ज्यादा लोग
- लगातार राहत कार्य जारी, बारिश से आ रही बाधा
- दलदल, पानी और मलबा भी राहत कार्य में डाल रहा रुकावट
- लगातार मलबे और नदियों से निकल रही लाशें
वायनाड : केरल के वायनाड में तीन दिन पहले हुए भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। भूस्खलन के कारण ढही इमारतों को मलबे में लोगों को तलाशने का काम जारी है। शुक्रवार सुबह तक 316 शव निकाले जा चुके हैं। वहीं फंसे पीड़ितों की खोज में बचाव दलों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों के रहने वाले हुए हैं। भूस्खलन से नष्ट हो चुकी सड़कें व पुल के टूट जाने और भारी उपकरणों की कमी के कारण बचाव दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बचाव दल के कर्मियों को कीचड़ और बड़े-बड़े उखड़े हुए पेड़ों को हटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पेड़ों के गिरने से मकान और अन्य इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। रुक-रुककर हो रही बारिश ने राहत कार्य की मुश्किलें और बढ़ाई हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव प्रयासों का समन्वय कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि सेना, नौसेना, (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) एनडीआरएफ और पुलिस सहित 1,600 से अधिक बचावकर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान में जुटे हैं।
3000 से ज्यादा लोग सर्च अभियान में जुटे
सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन और बचाव दल सहित अन्य बलों के 1600 से अधिक बचावकर्मी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मुस्तैद हैं। इसके अलावा इलाके से परिचित स्थानीय लोग और अन्य बचावकर्मी भी अभियान में मदद कर रहे हैं। लापता लोगों को खोजने के लिए 3000 से अधिक लोग अथक प्रयास कर रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल कर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं।
मंत्रियों ने डाला वायनाड में डेरा
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि जिस तरह से हालात हैं, उससे फिलहाल राहत कार्य में कई दिन लग सकते हैं। बचाव प्रयासों के समन्वय के लिए चार मंत्रियों वाली एक मंत्रिमंडीय उपसमिति भी गठित की गई है। ये कमिटी वायनाड में ही डेरा डाले है। बचावकर्मियों ने चालियार नदी से कई शव बरामद किए हैं। कई शवों के अंग भी बरामद हुए हैं।
वायनाड में चिकित्सक, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। उन पर विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमॉर्टम का भारी बोझ है। गुरुवार सुबह सात बजे तक कुल 256 पोस्टमॉर्टम किए गए।
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