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प्रदेश की 3200 में से 2990 गोशालाओं का अनुदान अटका:आहार के 1120 करोड़ रुपए नहीं मिलने से बढ़ा आर्थिक संकट

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प्रदेश की 3200 में से 2990 गोशालाओं का अनुदान अटका:आहार के 1120 करोड़ रुपए नहीं मिलने से बढ़ा आर्थिक संकट

प्रदेश की 3200 में से 2990 अनुदानित गोशालाओं का 9 माह से अनुदान की राशि का भुगतान अटका हुआ है। अनुदान के अ​भाव में गोशालाओं के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसके कारण इन गोशालाओं में रहने वाले 13 लाख 50 हजार गोवंश के सामने चारे-पानी संकट खड़ा हो गया है। अनुदान नहीं मिलने के कारण इन गोशालाओं के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

गोशालाओं को नवंबर 2023 में अनुदान दिया था। इसके बाद से सरकार ने अनुदान नहीं दिया। राज्य सरकार के द्वारा गोशालाओं को अप्रैल मई में अनुदान देना चाहिए था परंतु अगस्त तक एक भी गोशालाओं को अनुदान नहीं मिला। इस कारण अनुदान मिलने वाली गोशालाओं के सामने चारे-पानी का संकट खड़ा हो गया है।

गोशालाओं को 12 माह में से 9 महीने का अनुदान दो किस्तों में मिलता है। पहला किस्त में चार माह का और दूसरी किस्त में 5 माह का अनुदान मिलता है। अप्रैल और मई में मिलने वाला अनुदान जुलाई खत्म होने तक नहीं मिला। मई-जून में चारा 4 से 5 रुपए किलो मिलता था जबकि अब चारे का भाव बढ़कर 7 से 8 रुपए किलो हो गया है।

ऐसे में गोशाला संचालकों को अधिक दाम देकर चारा खरीदना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार गोशालाओं को स्वावलंबी बनाना चाहती है। स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य सरकार ने बजट में गोशालाओं के लिए 10 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी की है। बीकानेर गोशाला संघ ने अनुदान नहीं मिलने की स्थिति में सोमवार से कलेक्ट्रेट के सामने अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। संगठन के अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना में बताया कि राज्य सरकार गोशालाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार ने गोशालाओं के हित में इकट्ठे हुए पैसों को खर्च कर दिया, वही कार्य वर्तमान सरकार भी कर रही है।

अन्यथा सरकार अन्य मदों से पैसा लेकर भी गोशालाओं को अनुदान देती। ऐसे में गोशालाओं की स्थिति सुधरती, परंतु आज 9 माह बीत जाने के बाद भी अनुदान नहीं मिलना, इससे गोशालाओं की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। नीमराना में कहा कि आजकल दानदाताओं से दान मिलना काम हो गया है, मात्र राज्य सरकार की अनुदान की सहयोग से गौशालाएं चल पा रही है। यदि सरकार ने जल्द की अनुदान जारी नहीं किया तो सोमवार से अनशन शुरू कर देंगे।

^हमने 1, 11 और 17 जुलाई को बीकानेर जिले की 162 अनुदानित गोशालाओं के बिल बनाकर ट्रेजरी भिजवा दिए हैं। वह पैसा वहां से गोशाला संचालकों के खातों में आना है। अब आएगा ये हम कैसे बता सकते हैं। हमारा काम बिल बनाकर देना था, जो हमारी तरफ से पूरा किया हुआ है।

इसके अलावा 2024 के अप्रैल, मई जून और जुलाई के लिए भी प्रोसेस शुरू हो गया है। -डॉ. एस.पी. जोशी, ज्वाइंट डायरेक्टर, पशुपालन विभाग जिले में 225 गोशालाएं बीकानेर जिले में गोशालाएं : 225 गोशालाओं में पशुओं की संख्या : 78000 नगर निगम क्षेत्र में गोशालाएं : 10 शहरी गोशालाओं में पशु : करीब 10,000 जिले में गोवंश :11,94,729 सड़कों पर घूम रहे पशु : 2,50,000 जिले में नंदीशालाएं : 1 सरकारी, 1 निजी इन नंदीशालाओं में नंदी की संख्या : 2500 210 गोशालाओं ​को मिला अनुदान, बीकानेर की एक गोशाला शामिल राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में 210 गोशालाओं को अनुदान दिया है जिसमें बीकानेर की एक गोशाला शामिल है।

गोशालाओं को 150 की बजाय 75 दिन का अनुदान ही मिला है। ऐसे में उधार लेकर पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने वालों को भी भुगतान नहीं किया जा सकेगा। प्रदेश में 4000 गोशालाओं में से 3200 गोशालाएं तो अनुदानित है।

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