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हमार समुदाय के शीर्ष निकाय ने खारिज किया समझौता, 24 घंटे पहले ही मैतेई समुदाय के साथ बनी थी सहमति

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हमार समुदाय के शीर्ष निकाय ने खारिज किया समझौता, 24 घंटे पहले ही मैतेई समुदाय के साथ बनी थी सहमति

Manipur: मणिपुर के जातीय हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले में शांति बहाली के लिए हमार और मैतेई प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के चौबीस घंटे बाद ही हमार समुदाय के शीर्ष निकाय ने कहा कि समझौता ‘अमान्य’ है।

Manipur: Hmar apex body says agreement with Meiteis 'null and void'

मणिपुर हिंसा को नियंत्रित करते असम राइफल्स के जवान 

मणिपुर के जातीय हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले में शांति बहाल करने के लिए हमार और मैतेई समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। हालांकि, ठीक एक दिन बाद हमार समुदाय के शीर्ष निकाय ने इस समझौते को खारिज करते हुए कहा कि यह ‘अमान्य’ है।  

अधिकारियों ने बताया कि जिरीबाम में शुक्रवार को गोलीबारी के बाद फिर से हिंसा की सूचना मिली है। मैतेई लोगों के गांव में  खाली पड़े एक घर को आग में आग लगा दी गई। 

हमार समुदाय के शीर्ष निकाय ‘हमार इनपुई’ ने दावा किया कि उससे जुड़ी इकाइयों ने संस्था के मुख्यालय की जानकारी के बिना समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसलिए निकाय ने अपनी जिरीबाम इकाई को भंग कर दिया है। 

इसने शुक्रवार को एक बयान में कहा, हमार इनपुई मुख्यालय 1 अगस्त, 2024 को असम के कछार में सीआरपीएफ केंद्र में कई गई शांति पहल के बारे में जानकर हैरान है। इस तरह की पहली पहल 1 जुलाई को सिलचर में की गई थी। हमार इनपुई समझौता करने वाले नेताओं की निंदा करता और बिना सूचना के सहमति के प्रयासों को खारिज करता है।

बयान में कहा आगे कहा गया, हमार इनपुई/जिरीबाम क्षेत्र, हमार नेशनल यूनियन (एचएनयू) के सदस्यों र कई व्यक्तियों ने हमार इनपुई के प्रस्ताव का अनादर करते हुए एक विभाजनकारी और सांप्रदायिक राज्य सरकार की इच्छा के आगे झुकना जारी रखा हुआ है।  इसने आगे कहा, हमार इनपुई जिरीबाम जिले के मैतेई और हमार के प्रतिनिधियों के बीच 1 अगस्त 2024 को बनी सहमति को अमान्य घोषित करता है। हमार इनपुई अपने जिरीबाम क्षेत्र की इकाई और इससे जुड़े संगठनों (एचवाईए, एचएसए, एचएएनयू, एचडब्ल्यूए) का जिरीबाम अधिकार क्षेत्र भंग करता है। 

निकाय ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्तियों को भी चेतावनी दी कि वे अपने निजी स्वार्थी प्रयासों को रोकें और किसी भी तरह से हमार समुदाय का प्रतिनिधित्व न करें। यदि वे ऐसे प्रयासों को जारी रखना चाहते हैं, तो वे अपने जोखिम पर ऐसा करें। असम के कछार से सटे सीआरपीएफ केंद्र में गुरुवार को आयोजित एक बैठक में मैतेई और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी।  

इस बैठक का संचालन जिरीबाम जिला प्रशासन, असम राइफल्स और सीआरपीएफ के जवानों ने किया। बैठक में जिले के थडौ, पायते और मिजो समाज के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 

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