डॉक्टर बोले- ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को 7% विकलांगता:कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी जरूरी; ऑफिसर ने एड्रेस भी गलत बताया था
पूजा के विकलांगता सर्टिफिकेट में उनका एड्रेस भी गलत बताया गया था।
UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आया है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी इस सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया है।
UPSC के नियम के मुताबिक, विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है। YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है।
पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को पूजा खेडकर की ओर से पेश किए गए सर्टिफिकेट की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।
यह वही विकलांगता सर्टिफिकेट है, जो पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ने जारी किया था।
विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े 4 विवाद
- विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पूणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
- सरकार नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
- विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
- पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया।
पूजा पर सिलेक्शन के लिए नाम-उम्र से छेड़छाड़ का भी आरोप
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं।
पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई। सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है।
दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी हैं।
पूजा ने पुणे कलेक्टर पर केस किया
16 जुलाई को पूजा खेडकर ने पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे के खिलाफ हैरेसमेंट की शिकायत की। पूजा के विवादों में घिरने के बाद पुणे कलेक्टर ने ही उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया था। साथ ही पूजा की ट्रेनिंग रद्द कर दी गई है। पूजा को 23 जुलाई तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच पूरा होने तक वह यहीं रहेंगी।
एडिशनल सेक्रेटरी की कमेटी 2 हफ्ते में जांच रिपोर्ट देगी
पूजा पर OBC और विकलांगता कोटे का दुरुपयोग कर UPSC में सिलेक्ट होने का आरोप है। केंद्र ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने 11 जुलाई को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया है।
केंद्र ने एक बयान में कहा कि यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर कर रहे हैं। इसका मकसद 2023 बैच की अधिकारी खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों में पेश करेगी।
पूजा से जब उनकी जांच के लिए गठित कमेटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूजा ने कहा, ‘मुझे इस पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। मैं कमेटी के सामने अपना पक्ष रखूंगी।’
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