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सेहतनामा- महिलाओं में बढ़ रहा ‘एग फ्रीजिंग’ का ट्रेंड:5 साल तक सुरक्षित रहते एग्स, जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

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सेहतनामा- महिलाओं में बढ़ रहा ‘एग फ्रीजिंग’ का ट्रेंड:5 साल तक सुरक्षित रहते एग्स, जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

एक महिला के लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए रखना आसान बात नहीं है। यह और भी कठिन तब हो जाता है, जब बात आती है मां बनने की।

मां बनने के लिए कई महिलाओं को अपना प्रोफेशन छोड़ना पड़ता है। वे अपने करियर को दांव पर लगाकर अपनी फैमिली को प्राथमिकता देती हैं।

इसी को देखते हुए, कई वुमेन सेलिब्रिटीज ‘एग फ्रीजिंग’ तकनीक को अपना रही हैं। जिससे उन्हें अपने करियर से ब्रेक न लेना पड़े और वह जब चाहें तब मां बन सकें। केवल शादीशुदा सेलिब्रिटी महिलाएं ही नहीं, आम महिलाएं और बहुत सारी अनमैरिड वुमेन भी अब अपने एग्स फ्रीज करवा रही हैं। यंग वर्किंग प्रोफेशनल महिलाओं के बीच यह चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है।

प्रियंका चोपड़ा, एकता कपूर से लेकर मोना सिंह तक कई एक्ट्रेसेस ने अपने एग्स फ्रीज करवाए हैं। हाल ही में ‘जर्सी’ मूवी की एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने कहा कि वो भी मोना सिंह को फॉलो कर अपने एग्स फ्रीज करवाएंगी। यह निर्णय उन्होंने अपनी प्रोफेशनल लाइफ को देखते हुए लिया है।

1986 में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग किया गया, जब एक महिला अपने फ्रीज किए हुए एग से प्रेग्नेंट हुई। इसका श्रेय सिंगापुर के डॉक्टर क्रिस्टोफर चेन को जाता है।

1997 में मिस वर्ल्ड बनीं डायना हेडन भी एग फ्रीजिंग प्रोसेस से ही दो बार मां बनीं हैं। साल 2016 में इन्हें बेटी हुई और 2018 में उन्होंने जुड़वा बच्चों, एक लड़के और लड़की को जन्म दिया।

तो आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे एग फ्रीजिंग प्रोसेस की। कैसे इस तकनीक का चलन बढ़ रहा है। साथ ही जानेंगे कि ये प्रोसेस मां बनने में कैसे मदद करता है और ये कितना सेफ है।

क्या होती है एग फ्रीजिंग

एग फ्रीजिंग, जिसे मेडिकल की भाषा में ‘उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन’ (Oocyte cryopreservation) कहते हैं।

  • असल में, ओवरी के अंदर छोटे-छोटे अविकसित एग होते हैं। उन्हें इंजेक्शन देकर विकसित किया जाता है। एग फ्रीजिंग के लिए 12-13 इंजेक्शन दिए जाते हैं।
  • जब एग पूरी तरह विकसित हो जाते हैं तो सर्जरी के जरिए उस एग को निकाला जाता है और उसे फ्रीज करके रख दिया जाता है। बाद में जब भी महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है तो उन एग्स को लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज करके भ्रूण बनाकर महिला के गर्भाशय (यूटेरस) में इंप्लांट कर दिया जाता है।
  • हर महिला की ओवरीज एक सीमा तक ही एग बनाती है। एक सामान्य महिला अपने पूरे जीवन काल में 400 से 500 एग्स प्रोड्यूज करती है।

IVF प्रोसेस में लगते हैं कितने दिन

एग फ्रीजिंग के लिए महिला को शुरुआत में करीब 6 से 7 दिन तक इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसके बाद उसके हेल्दी एग को लैब में तब तक सेफ रखा जाता है, जब तक उसे इंप्लांट न किया जाए।

अगर महिला हेल्दी होती है तो बच्चे को अपने गर्भ में रखती है। या फिर सरोगेसी का भी सहारा ले सकती है। कई महिलाएं सरोगेसी या टेस्ट ट्यूब बेबी का सहारा लेती हैं। इसमें सरोगेट मदर बच्चे को जन्म देती है।

केनेडियन फर्टिलिटी और एंड्रोलॉजी सोसायटी ने 2014 में एग फ्रीजिंग को अधिक उम्र में मां बनने का सपना पूरा करने का कारगर तरीका बताया है।

एग फ्रीज करने की सही उम्र क्या है

डॉ दीप्ति बताती हैं कि आमतौर पर महिलाओं में अपर लिमिट 36-37 साल की उम्र है। महिलाओं को 32-36 के बीच अपने एग फ्रीज करवा लेने चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर पातीं तो 40 की उम्र तक भी अपने एग फ्रीज करवा सकती हैं। एक IVF लैब में ये अंडे कम-से-कम पांच साल तक सुरक्षित रह सकते हैं।

एग फ्रीजिंग का यूज 1990 के दशक से कैंसर से पीड़ित युवा महिलाओं के लिए फर्टिलिटी को संरक्षित करने के लिए किया जाता रहा है।

2021 में भारत के फर्टिलिटी क्लिनिक्स के एक सर्वे में पाया गया कि साल 2020 में एग फ्रीजिंग के मामलों में 25% की बढ़त हुई है। दिल्ली के एक IVF सेंटर के मुताबिक, कोविड से पहले महीने में औसतन 2 महिलाएं एग फ्रीजिंग के लिए आती थीं। अब 7-8 आ जाती हैं। बेंगलुरु में आईटी प्रोफेशन से जुड़ी कई लड़कियां ऐसा करवा रही हैं।

ये मेडिकल प्रॉब्लम हैं तो एग फ्रीज है बेहतर ऑप्शन

कैंसर पेशेंट- जिन महिलाओं को किसी भी ऑर्गन में कैंसर हुआ है और वे कीमोथेरेपी करा रही हैं तो इसका असर उनके रिप्रोडक्टिव ऑर्गन पर भी पड़ता है। इसलिए डॉक्टर ऐसी महिलाओं को एग फ्रीज करने की सलाह देते हैं।

एंडोमेट्रियोसिस- जिन महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस है और उनकी ओवरी में एग नहीं बनते, उनके लिए भी अपने बचे हुए हेल्दी एग को सेफ करने का सबसे सही तरीका एग फ्रीजिंग है।

पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD)- जिन महिलाओं को पीसीओडी की दिक्कत है, उनके लिए भी ये एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

1.5 लाख तक हो सकता है इसका खर्चा

एग फ्रीजिंग प्रोसेस में 1.5 लाख तक खर्चा आ सकता है या उससे भी ज्यादा। यह क्लिनिक और लोकेशन पर निर्भर करता है। भारत में कई एमएनसी कंपनियां इसे मेडिकल कवर में भी शामिल कर रही हैं। देशभर में करीब 11 फीसदी कंपनियां हैं, जो एग फ्रीजिंग को मेडिकल कवर में शामिल कर रही हैं।

एग फ्रीजिंग के नुकसान

कुछ महिलाओं को इस प्रोसेस के दौरान पेट में हल्का दर्द या गड़बड़ी की शिकायत हो सकती है।

एग फ्रीजिंग को लेकर आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल-

सवाल- क्या एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया दर्दनाक है?

जवाब- इस प्रक्रिया में एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। ये दर्दनाक तो नहीं, लेकिन अनकम्फर्टेबल जरूर हो सकती है। हालांकि, प्रक्रिया के तुरंत बाद कुछ ऐंठन, खराश या दर्द महसूस होना आम बात है।

सवाल- अंडे फ्रीज करने की सही उम्र क्या है?

जवाब- अधिकांश महिलाओं के लिए 30 वर्ष की आयु सही मानी जाती है। लेकिन अंडों को उसके बाद भी फ्रीज करवाया जा सकता है।

सवाल- क्या IVF से पैदा हुआ बच्चे को आगे चलकर कोई समस्या आ सकती है?

जवाब- IVF से पैदा हुए बच्चे को ऐसी कोई समस्या नहीं आती है। हालांकि, एक बार जब आप भ्रूण बनाने के लिए एग्स और स्पर्म को फर्टिलाइजेशन के लिए रखते हैं तो आप संभावित क्रोमोसोमल समस्याओं की जांच के लिए अपने भ्रूण का प्रीइंप्लांटेशन जेनेटिक परीक्षण या PGT करवा सकते हैं।

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