नए नियमों के बारे में बताना और स्पॉट पर वीडियो बनाना है चैलेंज… भारतीय न्याय संहिता पर पुलिस ने क्या कहा
Delhi Police on New Criminal Law: 1 जुलाई को तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू हो चुके हैं। सोमवार को दिल्ली समेत पूरे देश में पुलिस के लिए नए कानून उत्साह और नए अनुभवों से भरा रहा। अपने पहले दिन के अनुभव शेयर करते हुए पुलिस ने क्या कहा।
नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार को अलग-अलग घटना, दुर्घटना, अपराध के मामले BNS में दर्ज हुए। स्पॉट या कंप्लेंट को लेकर पब्लिक के साथ IO को थोड़ी बहुत मशक्कत झेलनी पड़ी। T.I.N. ने नए कानूनों में दर्ज मुकदमों में चार अलग-अलग IO से उनके एक्सपीरियंस जानने की कोशिश की। अपने पहले दिन के अनुभव शेयर करते हुए IO ने बताया कि पब्लिक को नए नियमों के बारे में बताना थोड़ा चैलेंजिंग रहा। चूंकि IPC रटी हुई है, अब नए कानून के लिए BNS बुक और NCRB की ई संकलन मोबाइल ऐप से मदद मिल रही है। नए कानून में भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत घटनास्थल, तलाशी लेने और जब्ती करने के दौरान का विडियोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है। शुरुआत में जमीनी स्तर पर दिक्कतें भी आ रही हैं।
हिट एंड रन में भी किया विडियो रिकॉर्ड
नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट में हिट एंड रन के दौरान सड़क हादसे में एक शख्स की मौत हो गई। इस घटना में पुलिस ने BNS की धारा 281/106(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया। कॉल पर पहुंचने वाले सबसे पहले पुलिसकर्मी और केस के IO का कहना था कि नए कानून की अच्छी खासी प्रैक्टिस कर चुके हैं। क्राइम सीन से ज्यादा जरूरी सर्च एंड सीजर के समय विडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य है। फिर भी एक्सीडेंट के केस में उसी प्रक्रिया को अपनाया जो नियम क्राइम सीन, सर्च एंड सीजर के लिए बनाए गए हैं। एक्सीडेंट स्पॉट का मोबाइल से पूरा विडियो बनाया। इसके बाद एक्सीडेंट की पूरी डिटेल ई प्रमाण पर अपलोड की। कॉलर तो मिला नहीं, लेकिन मृतक के भाई का बयान विडियो रिकॉर्ड किया गया। एक अन्य IO ने अनुभव के आधार पर कहा कि नए कानून में जिस तरह फरेंसिक का अहम रोल है, उसी तरह डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस कलेक्ट करने के लिए IO (जांच अधिकारी) की भूमिका बढ़ चुकी है।
50+ के IO के साथ टेक्नो फ्रेंडली यंग
एक जिले में बैंक के अंदर नोट गिनने के बहाने एक बुजुर्ग से ठगी हुई। पहले ठगी की वारदात IPC की धारा 420 के तहत दर्ज होती थी। लेकिन नए BNS में इसे 318 (4)/3(5) के तहत दर्ज किया गया। केस के IO ने बताया कि नए कानून में कोई दिक्कत नहीं है। सारा काम पहले की तरह ही है। वहीं जिले में एक शराब तस्कर को पकड़ने के मामले में केस के IO ने बताया कि माल जब्त करने के दौरान बुजुर्ग पुलिसकर्मियों को थोड़ी दिक्कत हो रही है। क्योंकि जब्त के दौरान ई-प्रमाण ऐप के द्वारा विडियो रिकॉर्डिंग करनी होती है। ऐसे में जो पुराने बुजुर्ग पुलिसकर्मी हैं उन्हें थोड़ी दिक्कत हो रही है। लेकिन ऐसे में थाने से उनके साथ एक जानकार पुलिसकर्मी को भेजा रहा है।
पटरी पर आने में थोड़ा समय लगेगा
साउथ दिल्ली में भी एक जुलाई को दो थानों में बदले कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। एक थाने में स्नैचिंग का तो दूसरे में चोरी का मामला दर्ज किया गया। नए कानून के तहत मामला दर्ज होने के बाद जांच कर रहे IO ने बताया कि नया कानून आने के बाद काम करना आसान हो गया। हालांकि अभी नए कानून को समझने में कुछ महीने लग सकते हैं। लेकिन इसका फायदा बहुत है। एक तो हर मामले में विडियोग्राफी की जाएगी जिसे मानने से कोर्ट भी इंकार नहीं कर सकता है। वहीं लोगों को न्याय मिलने में भी देरी नहीं होगी।
विडियोग्राफी करना है चैलेंज
हत्या का प्रयास के मामले के तहत BNS की धारा 109(1) के तहत दर्ज केस का जांच करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के गंभीर मामलों में पहले से साइंटिफिक एविडेंस इकट्ठे करने के लिए क्राइम टीम बुलाई जाती थी। नए कानून लागू होने से सिर्फ एक बड़ा बदलाव आया है कि विडियो बनाना अनिवार्य हो गया है। विडियो को सही से बनाना और ठीक से सेव करना एक चैलेंज है। विडियोग्राफी के दौरान अचानक कॉल आने और इंटरनेट कनेक्शन में दिक्कत होने से काम में बाधा आ रही है।
Add Comment