Bikaner update crime

फर्जी डिग्री के मामले में बीकानेर से किया इस व्यक्ति को गिरफ्तार कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी रडार पर ! राजस्थान से बाहर भी फैला फर्जी डिग्री गैंग का नेटवर्क:दूसरे राज्यों से डिग्री लेने आते थे अभ्यर्थी, कमीशन पर बना रखे थे एजेंट

TIN NETWORK
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This person was arrested from Bikaner in the case of fake degree! Network of fake degree gang spread outside Rajasthan also: Candidates used to come from other states to get degrees, agents were kept on commission.

राजस्थान से बाहर भी फैला फर्जी डिग्री गैंग का नेटवर्क:दूसरे राज्यों से डिग्री लेने आते थे अभ्यर्थी, कमीशन पर बना रखे थे एजेंट

जयपुर

फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट से सैकड़ों लोगों को सरकारी नौकरी लगाने वाली गैंग का नेटवर्क राजस्थान से बाहर तक फैला हुआ है। सरकारी नौकरी के लिए डिग्री लेने दूसरे राज्यों से भी लोग इस गैंग के पास आया करते थे।

10 साल से सक्रिय गिरोह ने इतना बड़ा जाल फैलाया कि कमीशन पर एजेंट बना रखे थे, जो अभ्यर्थियों के लिए फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट लेने के लिए आते थे। यू-ट्यूब चैनलों के जरिए ये लोग कमजोर अभ्यर्थियों के संपर्क में आते और उनकी जरूरत को देखकर ये लोग फर्जी डिग्री ही नहीं डमी कैंडिडेट की भी व्यवस्था करते थे। SOG सूत्रों की माने तो गैंग के मास्टरमाइंड कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी में बैठे हैं।

एसओजी ने फर्जी डिग्री मामले में 2 यूडीसी और फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं।

एसओजी ने फर्जी डिग्री मामले में 2 यूडीसी और फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं।

एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि गिरोह की ओर से फर्जी डिग्री, फर्जी मेडल और बैक डेट में एडमिशन दिलाने का काम किया जाता है। मामले में आरोपी सुभाष पूनिया (52) पुत्र गुरुदयाल निवासी बेरासर घुमाना थाना राजगढ़ (चूरू), उसके बेटे परमजीत हाल पीटीआई राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल गुर्जा पंचायत समिति बसेड़ी (धौलपुर) और प्रदीप शर्मा निवासी सरदार शहर (चूरू) को गिरफ्तार किया।

इनसे पूछताछ के बाद बीकानेर सीबीईओ ऑफिस में यूडीसी मनदीप सांगवान, उच्च माध्यमिक स्कूल देशनोक (बीकानेर) में यूडीसी जगदीश और फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले राकेश कुमार निवासी सरदारशहर (चूरू) को भी गिरफ्तार किया गया। गिरोह के पकड़े गए सभी 6 आरोपी 16 अप्रैल तक रिमांड पर है। गिरोह में शामिल 11 सदस्यों को SOG टीम ने चिह्नित किया है, जिनको पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।

एसओजी ने सुभाष के घर से 7 यूनिवर्सिटी की करीब 50 डिग्रियां बरामद की थी।

एसओजी ने सुभाष के घर से 7 यूनिवर्सिटी की करीब 50 डिग्रियां बरामद की थी।

चुनाव में ड्यूटी दे रहे अफसर, इसलिए हो रही परेशानी
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि उनकी मौजूदा समय में सबसे बड़ी परेशानी फोर्स की है। उनके ऑफिसर इस समय चुनाव ड्यूटी पर लगे हुए हैं। इस समय जब एसओजी को सबसे अच्छे ऑफिसर की जरूरत है तो उनको चुनाव ड्यूटी देनी पड़ रही हैं। इसके कारण गिरफ्तारी और कार्रवाई रुकी हुई है। चुनाव के बाद दोबारा से एसओजी एक्शन मोड पर दिखाई देने वाली है। एसओजी अभी उन लोगों को ही गिरफ्तार कर रही है, जिनके भागने की संभावना है। फर्जी डिग्री देने वाले लोग बिना यूनिवर्सिटी की मिलीभगत के इतना बड़ा काम नहीं कर सकते हैं। आने वाले दिनों ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर एसओजी एक्शन करेगी।

50 हजार से 2 लाख तक में बेच रहे थे फर्जी डिग्री
एसओजी ने गिरोह के बदमाशों से ओपीजेएस समेत 7 यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, खेल प्रमाण पत्र, भरी हुई उत्तर पुस्तिकाएं, सैकड़ों स्टूडेंट की मार्कशीट, आधार कार्ड, यूनिवर्सिटी की फर्जी सील, चेक बुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी 50 हजार से 2 लाख तक रुपए में फर्जी डिग्री धड़ल्ले से बेच रहे थे।

आरोपियों से हुई पूछताछ में सामने आया है कि सुभाष पूनिया दलाली का काम करता है। पीटीआई परमजीत यूनिवर्सिटी में बैक डेट में एडमिशन दिलाने, फर्जी खेल प्रमाण पत्र, फर्जी मेडल और फर्जी डिग्री देने का काम करता है। मनदीप और जगदीश सरकारी नौकरियों में भारत के लिए खेल कोटे से आवेदन करने वाले, खेलों के जरिए भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों को ढूंढ कर लाते थे और उनको परमजीत को सौंप देते थे। परमजीत उनसे लाखों रुपए वसूल कर फर्जी डिग्री बनाकर दे देता था।

एसओजी को सर्च के दौरान आरोपी के घर से 2 यूनिवर्सिटी की सील भी मिली है।

एसओजी को सर्च के दौरान आरोपी के घर से 2 यूनिवर्सिटी की सील भी मिली है।

फर्जी डिग्री-सर्टिफिकेट से 100 लोगों की सरकारी नौकरी लगाई
डीआईजी एसओजी परिस देशमुख ने बताया कि खास बात यह है कि मनदीप ने अपनी पत्नी सुमन समेत 100 से ज्यादा लोगों को फर्जी डिग्री, खेल प्रमाण पत्र और मेडल के जरिए पीटीआई जैसी नौकरियां लगवा दी। सरकारी नौकरी लेने वालों की संख्या सैकड़ों में होने वाली है। हालांकि जैसे ही एसओजी ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया तो फर्जी डिग्री डमी कैंडिडेट खेल प्रमाण पत्र के जरिए पीटीआई की नौकरी हासिल करने वाली मनजीत की पत्नी सुमन और उसके अन्य रिश्तेदार गणपत लाल, विक्रम, नरेंद्र सिंह फरार हो गए।

एसओजी की जांच पड़ताल के दौरान सामने आया है कि मनदीप और जगदीश सरकारी नौकरियां के लिए खेलकोटे के तहत और खेल प्रमाण पत्र के तहत आवेदन करने के लिए आने वाले अभ्यर्थियों की खोज सोशल मीडिया के जरिए करते थे। मनदीप और जगदीश ने यूट्यूब पर अपने चैनल और पेज भी बना रखे थे, जहां दोनों बदमाश एक बड़ा विज्ञापन देकर युवाओं को बरगलाते थे। खेल कोटे से होने वाली भर्ती में किसी भी प्रकार की कोई कमी रह जाती थी तो यह शख्स फर्जीवाड़ा कर उन कमियों को दूर करते और उनको सरकारी नौकरी लगने का दावा भी करते थे।

पहले ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में काम करता था सुभाष पूनिया
ओपीजेएस यूनिवर्सिटी समेत कई यूनिवर्सिटी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। अगर कोई भी जांच एजेंसी उनके खिलाफ जांच पड़ताल करती तो यह शख्स पहले से ही उत्तर पुस्तिकाएं भी तैयार करवा लेते थे, ताकि उनकी चोरी किसी के पकड़ में ना आ सकें। ग्रुप की जांच पड़ताल के दौरान सामने आया है कि 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री के जरिए PTI सरकारी नौकरियां हासिल की। यह तमाम अभ्यर्थी अब एसओजी की रडार पर हैं।

गैंग का सरगना सुभाष पहले ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में काम करता था। अपनी सांठगांठ से सुभाष ने कई यूनिवर्सिटी में अच्छे संबंध बना लिए थे। इसी के चलते उसने मनदीप, जगदीश और प्रदीप को अपने गैंग में शामिल कर लिया। वहीं राकेश अपनी प्रिंटिंग की दुकान चलाता था और इसी दुकान पर फर्जी डिग्रियां तैयार करवाकर दी जाती थी। एसओजी ने राकेश और प्रदीप के यहां से लैपटॉप, कंप्यूटर समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके साथही सैकड़ों स्टूडेंट की मार्कशीट, फर्जी डिग्रियां, माइग्रेशन सर्टिफिकेट समेत चरित्र प्रमाण पत्र बरामद किए हैं। एसओजी बरामद किए गए अब इन सर्टिफिकेट्स और डिग्री के आधार पर उन सभी अभ्यर्थियों की तलाश में जुट गई है, जिन्होंने फर्जी डिग्री के लिए बड़े पैमाने पर रुपए दिए हैं। फर्जी डिग्री से सरकारी नौकरी हासिल कर सरकारी विभागों में कार्यरत तमाम लोगों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

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