हवा में जाते हुए कैसी दिखती है मिसाइल, फाइटर जेट से किया गया पीछा… Video
आपने कई बार मिसाइल लॉन्च होने का Video देखा होगा. लेकिन कभी आसमान में उड़ती हुई क्रूज मिसाइल का वीडियो देखा है. भारतीय वायुसेना के जगुआर फाइटर जेट ने निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल के परीक्षण के दौरान उसका पीछा किया, तब जाकर यह शानदार वीडियो बना. आप भी देखिए…
ये है निर्भय मिसाइल का हवा में तैरते हुए वीडियो से लिया गया ग्रैब.
भारत के पास खतरनाक निर्भय क्रूज मिसाइल है. इसके परीक्षण अलग-अलग प्लेटफॉर्म से हो रहे हैं. ऐसे ही एक परीक्षण के दौरान भारतीय वायुसेना के जगुआर फाइटर जेट ने इसका पीछा किया. पीछा करने पर इस मिसाइल की उड़ान का शानदार वीडियो बना. ये वीडियो न सिर्फ आपको मिसाइल की उड़ान दिखाता है, बल्कि उसकी गति आपको हैरान करती है. वीडियो देखिए और साथ ही जानिए इस मिसाइल और फाइटर जेट की ताकत…
क्या है निर्भय मिसाइल की ताकत?
निर्भय एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है. यानी इसकी गति 864 से 1111 km/hr है. यह पूरी तरह से स्वदेशी है. इस मिसाइल में सी-स्किमिंग और टेरेन हगिंग कैपेबिलिटी है. यानी यह मिसाइल समुद्री सतह और जमीन से थोड़ा ऊपर उड़कर राडार को चकमा दे सकता है. निर्भय क्रूज मिसाइल दो स्टेज की मिसाइल है.
पहले स्टेज में ठोस और दूसरे स्टेज में तरल ईंधन का उपयोग किया जाता है. यह मिसाइल 300 kg तक के परंपरागत हथियार ले जा सकती है. इसकी अधिकतम रेंज 1500 km है. यह मिसाइल जमीन से 50 मीटर ऊपर और अधिकतम 4 km ऊपर उड़कर टारगेट को बर्बाद कर सकती है.
निर्भय क्रूज मिसाइल में ऐसी प्रणाली भी है कि यह रास्ते में अपनी दिशा बदल सकता है. यानी चलते-फिरते टारगेट को भी नष्ट कर सकता है. यह समुद्र और जमीन दोनों स्थानों से मिसाइल लॉन्चर्स के जरिए दागी जा सकती है. ऐसी उम्मीद है कि सेना में शामिल होने के बाद इन मिसाइलों को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तैनात किया जाएगा. यानी चीन से सटी सीमाओं पर इसकी तैनाती होगी.
निर्भय 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी है. इसके पंखों की कुल लंबाई 2.7 मीटर है. इस मिसाइल में ऐसी तकनीक भी लगाई गई है, जिसके जरिए दुश्मन के टारगेट को खत्म करने से पहले उसकी तस्वीर और वीडियो खींचकर ये कंट्रोल रूम तक भेज देगी. इस मिसाइल में स्वदेशी माणिक टर्बोफैन इंजन का उपयोग किया गया है.
जगुआर फाइटर जेट… वायुसेना का भरोसा
भारतीय वायुसेना का भरोसेमंद फाइटर जेट है जगुआर.इसे सेपेकैट जगुआर भी बुलाते हैं. भारतीय वायुसेना में अब भी यह सेवा दे रहा है. 1968 से 1981 तक दुनिया में कुल 573 जगुआर फाइटर जेट बनाए गए. भारतीय वायुसेना के पास 160 जगुआर विमान हैं, जिनमें से 30 ट्रेनिंग के लिए हैं.
इसका मुख्य काम ही ग्राउंड अटैक करना है. इस विमान के कई वैरिएंट्स हैं. किसी को एक पायलट उड़ाता है. तो किसी को 2 पायलट मिलकर उड़ाते हैं. 55.3 फीट लंबे विमान का विंगस्पैन 28.6 फीट है. जबकि ऊंचाई 16.1 फीट है. टेकऑफ के समय इसका अधिकतम वजन 15,700 kg है. इसमें 4200 लीटर फ्यूल आता है. इसके अलावा 1200 लीटर के ड्रॉप टैंक्स भी लगाए जा सकते हैं.
छोटे रनवे पर टेकऑफ और लैंडिंग
समुद्री सतह के ऊपर इसकी अधिकतम गति 1350 km/hr है. जबकि, 36 हजार फीट की ऊंचाई पर यह 1700 km/hr की रफ्तार से उड़ान भरता है. सारे फ्यूल टैंक अगर भरे हों तो यह 1902 km की रेंज कवर करता है. अधिकतम 46 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी बड़ी खासियत थी कि यह 600 मीटर के छोटे रनवे पर से भी टेकऑफ या लैंडिंग कर लेता था.
परमाणु बम समेत हथियारों का पूरा जखीरा ले जा सकता है
इसमें 30 मिलिमीटर के 2 कैनन लगे है, जो हर मिनट 150 गोलियां दागते हैं. इसमें कुल मिलाकर 7 हार्डप्वाइंट्स हैं. 4 अंडर विंग, 2 ओवर विंग और एक सेंट्रल लाइन में. यह 4500 kg वजनी हथियार उठाकर उड़ान भर सकता है. इसमें 8 Matra रॉकेट पॉड्स के साथ 68 मिलिमीटर के 18 SNEB रॉकेट लगा रहता है.
इसमें एक एंटी-राडार मिसाइल, 2 हवा से हवा में मार करने वाली AIM-9 साइड विंडर मिसाइल, RudraM-1 एंटी-रेडिएशन मिसाइल, हार्पून एंटी-शिप मिसाइल, सी-ईगल एंटी-शिप मिसाइल, प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन, स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन, कई तरह के गाइडेड या अनगाइडेड बम, परमाणु बम लगाए जा सकते हैं.
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