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केजरीवाल की पत्नी बन सकती हैं AAP का चेहरा:पार्टी के पास कोई पॉपुलर फेस नहीं, एक्सपर्ट बोले- दिल्ली और पंजाब में नुकसान होगा

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केजरीवाल की पत्नी बन सकती हैं AAP का चेहरा:पार्टी के पास कोई पॉपुलर फेस नहीं, एक्सपर्ट बोले- दिल्ली और पंजाब में नुकसान होगा

नई दिल्ली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 7 दिन के लिए ED की रिमांड पर है। आज ED की कस्टडी में उनका तीसरा दिन है। सवाल ये है कि उनके पीछे आम आदमी पार्टी और दिल्ली की सरकार कैसे चलेगी क्योंकि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेता भी जेल में हैं।

शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भी अरविंद केजरीवाल CM के पद पर हैं। पार्टी कह रही है कि वे जेल जाते हैं, तो वहीं से सरकार चलाएंगे। हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है। फाइलों पर साइन करने से लेकर कैबिनेट मीटिंग तक के लिए उन्हें बार-बार कोर्ट से परमिशन लेनी होगी।

इसके अलावा लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में न सिर्फ दिल्ली की सरकार चलाने की चुनौती है, बल्कि पार्टी को चुनाव की तैयारी भी करनी है। इसका पहला असर 22 मार्च को ही दिख गया। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह से स्थगित करना पड़ा।

आम आदमी पार्टी के सामने अब तीन सवाल हैं…

1. अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा?
2. क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी से पार्टी को भावनात्मक तौर पर फायदा मिलेगा?
3. भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी कैसे बाहर निकलेगी और क्या इसका नुकसान हो सकता है?

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता बन सकती हैं पार्टी का चेहरा
अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सबसे पॉपुलर फेस हैं। पार्टी उन्हीं के नाम पर चुनाव लड़ती है, उन्हीं के नाम पर वोट मांगती है। पार्टी में सेकेंड लाइन में आम लोगों से जुड़ा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसे सामने किया जा सके। पार्टी को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी का अंदेशा भी नहीं था।

पार्टी के एक नेता पहचान छिपाने की शर्त पर बताते हैं कि चुनाव में नाम तो अरविंद केजरीवाल का ही रहेगा। अगर उन्हें जमानत नहीं मिलती है, तो सुनीता केजरीवाल पार्टी के लिए प्रचार कर सकती हैं।

ED ने 21 मार्च की रात केजरीवाल को अरेस्ट किया था। जांच एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल लिकर पॉलिसी केस के मास्टरमाइंड हैं। इसमें चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया था।

ED ने 21 मार्च की रात केजरीवाल को अरेस्ट किया था। जांच एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल लिकर पॉलिसी केस के मास्टरमाइंड हैं। इसमें चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया था।

पति की गिरफ्तारी के बाद सुनीता केजरीवाल एक्टिव भी दिख रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट की थी। इसमें लिखा कि आपके तीन बार चुने हुए मुख्यमंत्री को मोदी जी ने सत्ता के अहंकार में गिरफ्तार करवाया। ये दिल्ली के लोगों के साथ धोखा है। आपके मुख्यमंत्री हमेशा आपके साथ खड़े रहे हैं। अंदर रहें या बाहर, उनका जीवन देश को समर्पित है।

X पर सुनीता केजरीवाल की ये पोस्ट करीब एक साल बाद आई है। बीते एक साल में उन्होंने सिर्फ पार्टी और दूसरे नेताओं की पोस्ट को ही री-पोस्ट किया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पोस्ट कर PM मोदी के खिलाफ बात कही। सोशल मीडिया पर भी इसके बाद चर्चा होने लगी कि सुनीता केजरीवाल पार्टी का चेहरा बन सकती हैं।

अगले दिन 23 मार्च को उन्होंने कैमरे पर आकर अरविंद केजरीवाल का मैसेज पढ़कर सुनाया। वीडियो में वे उसी जगह बैठी दिख रही हैं, जहां से अरविंद केजरीवाल लोगों को मैसेज देते हैं।

एक्सपर्ट बोले- सुनीता केजरीवाल प्रचार कर सकती हैं, लेकिन CM नहीं बनेंगी
पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई कहते हैं, ‘सुनीता केजरीवाल को आम आदमी पार्टी CM के तौर पर सामने नहीं लाएगी। पार्टी ये नहीं चाहेगी कि दिल्ली में बिहार वाली कहानी दोहराई जाए, जैसे राबड़ी देवी को CM बनाया गया था। हां, इतना जरूर है कि पार्टी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सहानुभूति ले सकती है।’

CM की गिरफ्तारी से इमोशनली फायदा मिलेगा
रशीद किदवई आगे कहते हैं, ‘राज्य का CM किसी भी वजह से गिरफ्तार होता है तो उसका इमोशनल फायदा जरूर मिलता है। देखा गया है कि जनाधार वाले नेता की गिरफ्तारी के बाद उसकी छवि धूमिल होने के बजाय पब्लिक में अलग मैसेज जाता है।’

‘जयललिता इसका उदाहरण हैं। उन्हें अरेस्ट किया गया तो उनके साथ पब्लिक सेंटीमेंट्स बढ़ गया था। सुखराम टेलिकॉम घोटाले में आरोपी थे, लेकिन मंडी से बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर इमोशनल अपील करती है और इसे लोगों को समझा पाती है तो लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।’

हालांकि, दिल्ली BJP से जुड़े एक नेता कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से चुनाव का कोई लेनादेना नहीं है। हम अपनी योजनाओं और डेवलपमेंट पर ही चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी। आम आदमी पार्टी अपने भ्रष्टाचार के जाल में फंसेगी और जनता उनके साथ वैसा ही फैसला करेगी।

पुराने साथी आशुतोष बोले- केजरीवाल की गिरफ्तारी मुद्दा बनेगी, ये कहना मुश्किल
पत्रकार और कभी आम आदमी पार्टी में शामिल रहे आशुतोष से पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP को नुकसान होगा? आशुतोष कहते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बड़ी बात है, लेकिन ये तभी मुद्दा बन सकता है, जब विपक्ष मजबूती से उसे उठा पाए। बोफोर्स घोटाला देश में इसी वजह से मुद्दा बना क्योंकि विपक्ष ने उसे लोगों से जोड़ दिया था।’

‘अभी विपक्ष मुद्दा बनाने में नाकामयाब है। उसे बड़े मुद्दे मिले हैं। अभी इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा आया था। विपक्ष इसे इश्यू नहीं बना सका। 145 सांसदों को सस्पेंड किया गया, वो भी बड़ा मुद्दा नहीं बना। ये विपक्ष की नाकामी है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी बहुत बड़ा मुद्दा है, लेकिन विपक्ष उसे भुना नहीं पा रहा है। अगर ये बड़ा मुद्दा बना तो BJP को नुकसान और AAP को फायदा होगा।’

आशुतोष कहते हैं, ‘BJP पूरे विपक्ष को भ्रष्टाचारी साबित करना चाहती है। वो लोगों को ये मैसेज दे रही है कि दूसरी पार्टियों में बहुत करप्शन है। खुद को सबसे ज्यादा ईमानदार कहने वाला शख्स भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार है। BJP इस बात का फायदा जरूर ले सकती है।’

अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाते हैं तो उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा या नुकसान, इस सवाल पर आशुतोष कहते हैं, ‘जेल से सरकार चलाने की जिद हैरान करने वाली है। उन्हें लीडरशिप के लिए किसी को तैयार करना चाहिए था। दूसरे लीडर को CM की जिम्मेदारी देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। सेकेंड लाइन की कोई बड़ी लीडरशिप पार्टी में नहीं है।’

आम आदमी पार्टी में सेकेंड लीडरशिप नहीं, इसलिए नुकसान हो सकता है
पॉलिटिकल एक्सपर्ट संगीत रागी मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वे कहते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल पार्टी के इकलौते बड़े नेता हैं, जिनकी पहचान नेशनल लेवल पर है। उनके सवालों में बड़ी-बड़ी पार्टियां और नेता घिर जाते हैं।’

‘आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के अलावा दूसरा कोई बड़ा नेता उभरकर सामने नहीं आया है। मतलब, पार्टी में सेकेंड लीडरशिप खड़ी नहीं की गई है।’

‘सिर्फ मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ही दो बड़े नेता थे, जिनकी बात लोगों और विपक्षियों तक पहुंचती थी। अगर दोनों बाहर होते तो केजरीवाल की गिरफ्तारी को बड़ा मुद्दा बनाते। इसका चुनाव में फायदा मिल सकता था। अब मुझे नहीं लगता है कि केजरीवाल के जेल में रहते हुए आम आदमी पार्टी किसी को चुनौती दे सकती है।’

जेल से सरकार चलाना गलत होगा, हर कोई जेल से ही ऑफिस चलाने लगेगा
संगीत रागी आगे कहते हैं, ‘केजरीवाल जेल से सरकार चलाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इससे गलत मैसेज जाएगा। फिर किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर किसी केस में जेल चला गया, तो वो भी वहीं से ऑफिस चलाने की बात कहेगा। अपराधी भी कोर्ट से डिमांड करेंगे कि हमें भी जेल से काम करने की परमिशन दी जाए।’

केजरीवाल की गिरफ्तारी का पंजाब में भी असर
अरविंद केजरीवाल भले दिल्ली के CM हैं, लेकिन उनके हर कदम से पंजाब में सियासी हलचल शुरू हो जाती है। लोकसभा चुनाव में उनकी गिरफ्तारी का असर पंजाब में भी देखने को मिल सकता है।

पार्टी के सूत्र कहते हैं, ‘केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव से पहले केजरीवाल को जेल में डालकर फायदा उठाना चाहती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं। केजरीवाल कहीं भी रहें, उनके विचारों की राजनीति से पार्टी को हमेशा फायदा ही होगा।’

हालांकि एक्सपर्ट्स की इस पर अलग-अलग राय है। रशीद किदवई कहते हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की मजबूत पकड़ है। अरविंद केजरीवाल का जनाधार भी है। अगर पार्टी वहां सहानुभूति का मुद्दा उठाकर लोगों के बीच जाती है तो फायदा मिल सकता है। शहरी वोटर वाली लोकसभा सीटों पर पार्टी को बढ़त मिल सकती है।

वहीं, सीनियर जर्नलिस्ट विनोद शर्मा कहते हैं, ‘पंजाब में आम आदमी पार्टी 5 मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतार रही है। इससे इस तरह की बातें हो रही हैं कि आम आदमी पार्टी के पास लोकसभा चुनाव के लिए चेहरे नहीं हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से BJP करप्शन का मुद्दा उठाएगी। मुमकिन है कि लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को इससे नुकसान उठाना पड़ जाए।’

गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील
अरविंद केजरीवाल की तरफ से शनिवार शाम को गिरफ्तारी और रिमांड के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उनके वकीलों ने कहा कि दोनों फैसले अवैध हैं। केजरीवाल रिहाई के हकदार हैं। उन्होंने कोर्ट से 24 मार्च, यानी आज सुनवाई की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के लिए बुधवार का समय दिया है।

9 समन का जवाब नहीं दिया, इसलिए ED ने किया अरेस्ट
2 नवंबर, 2023 से 21 मार्च, 2024 के बीच ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 समन भेजे थे। केजरीवाल एक बार भी ED के सामने पेश नहीं हुए। 9वां समन मिलते ही वे इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए।

उन्होंने याचिका लगाई कि अगर वे पूछताछ के लिए ED के सामने पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। हालांकि, हाईकोर्ट से केजरीवाल को ये छूट नहीं दी। इसके बाद ED के एडिशनल डायरेक्टर के नेतृत्व में 10 मेंबर की एक टीम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची और तलाशी ली। दो घंटे बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

शराब घोटाले में अब तक 16 लोग अरेस्ट, इनमें पूर्व CM की बेटी भी
ED और CBI के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने लिकर पॉलिसी में बदलाव कर अपने पसंदीदा डीलर्स को लाइसेंस दिए। बदले में उनसे रिश्वत ली गई। हालांकि, आम आदमी पार्टी इन आरोपों को गलत बताती है। ED इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

ED ने शराब घोटाले में अब तक कुल 6 चार्जशीट दायर की हैं। साथ ही 128 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की है। शराब घोटाले में ही ED ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को अरेस्ट किया है। ये गिरफ्तारी हैदराबाद में उनके घर से की गई। कविता 23 मार्च तक हिरासत में हैं।

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