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सस्ती जमीन देने के नाम पर फर्जी पट्टा देकर रुपया वसूल करने वाले जयपुर के गिरोह पर मुकदमा दर्ज, नही मिली पीड़ित को अबतक राहत
जयपुर। जयपुर निवासी मोहम्मद शाहीद पुत्र अब्दुल माजिद, उम्र 62 साल, जाति- मुसलमान, निवासी – मकान नम्बर 1993, तोपखाना हुजूरी, घाटगेट जयपुर ने रामेश्वर प्रसाद पुत्र नामालूम उम्र 64 साल, राजेन्द्र प्रसाद पुत्र रामेश्वर प्रसाद उम्र 30 साल,नरेन्द्र शर्मा पुत्र रामेश्वर प्रसाद उम्र 32 साल, समस्त निवासी मोहित नगर, सुमेर रोड, पुरानी चूंगी, आगरा रोड, जयपुर के विरुद्ध अन्तर्गत धारा 420, 406, 384, 120बी आईपीसी पुलिस थाना रामगंज, जयपुर में मामला दर्ज करवाया है। प्रार्थी मोहम्मद शाहिद पुत्र श्री मोहम्मद माजिद निवासी मकान नम्बर 1993, तोपखाना हुजुरी, घाटगेट, जयपुर ने शिकायत में लिखवाया है कि वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। अभियुक्तगण रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद तथा नरेन्द्र शर्मा प्रार्थी के पूर्व परिचित है, जो कि मोहित नगर, सुमेर रोड, पुरानी चूंगी, आगरा रोड, जयपुर में रहते है। अप्रार्थी/अभियुक्तगण राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा दोनों सगे भाई है तथा अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद इन दोनों के पिता है। वर्ष 2019-2020 में अप्रार्थी/अभियुक्तगण रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद तथा नरेन्द्र शर्मा प्रार्थी के पास आये तथा प्रार्थी से कहा कि उनके पास बालाजी विस्तार, कानोता, आगरा रोड, जयपुर में प्लाट संख्या 13 से 19 तक है जिनका क्षेत्रफल 533 वर्गगज है, जिन्हें वे रुपयो की आवश्यकता के कारण 6,00,000/- रुपये में प्रार्थी को विकय कर देगें। 3. यह कि प्रार्थी ने उक्त प्लाट 6,00,000/- रुपये में दिनांक 10.04.2019 को जरिये इकरारनामा क्रय कर सम्पूर्ण राशि अभियुक्त राजेन्द्र प्रसाद शर्मा को अदा कर दी तथा सम्पूर्ण मूल कागजात प्राप्त कर लिए तथा जब प्रार्थी उक्त प्लाटों पर निर्माण कार्य करवाने गया तब प्रार्थी को उक्त स्कीम में उक्त प्लाट नहीं मिले जिसके बाबत प्रार्थी ने अप्रार्थी/अभियुक्त संख्या 1 ता 3 रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा को कहा जिस पर उक्त तीनों अप्रार्थी/अभियुक्तगण ने प्रार्थी को कहा कि इन प्लाटों पर विवाद हो गया है तथा अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा, प्रार्थी को दूसरी जगह प्लाट दे देगें, इस पर प्रार्थी राजी हो गया तथा वर्ष 2020 में अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा, प्रार्थी को महर्षि गौतम नगर-द्वितीय, राधास्वामी संत्सग के सामने, बिलवा में एक प्लाट संख्या 202, क्षेत्रफल 150 वर्गगज दिखाकर लाए तथा प्रार्थी को यह आश्वासन दिया कि उक्त प्लाट पर किसी भी प्रकार का कोई झगडा टन्टा नहीं है, यदि प्रार्थी उक्त प्लाट को खरीद लेता है तो प्रार्थी को अच्छा मुनाफा होगा तथा प्रार्थी, अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा की बातों में आ गया तथा कानोता, आगरा रोड के प्लाटों के बदले उक्त प्लाट 4,50,000/- रुपये में क्रय का इकरारनामा दिनांक 24.09.2020 को खरीद कर सम्पूर्ण राशि अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा को अदा कर दी। इसके पश्चात जब प्रार्थी उक्त प्लाट की बाउण्ड्री करवाने गया तब वहाँ पर भी प्रार्थी को उक्त प्लाट नहीं मिला जिसकी शिकायत प्रार्थी ने अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा को की। उक्त तीनों अप्रार्थी/अभियुक्त ने प्रार्थी से कहा कि इस स्कीम में भी विवाद उत्पन्न हो गया है तथा अब हम आपको हमारी स्वयं की स्कीम राज विहार बगराना, आगरा रोड जयपुर में प्लाट दे देते है तथा आपको थोडा सा पैसा और देना पडेगा। प्रार्थी को उक्त अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा ने कहा कि उनके पास उक्त स्कीम में 100-100 गज के दस प्लाट जिनका कुल क्षेत्रफल 1000 वर्गगज है, जिसे अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा प्रार्थी को 15,00,000/- रुपये में विक्रय कर देगें। प्रार्थी उक्त अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा की बातों में आ गया, क्योंकि उक्त तीनों अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा ही प्रार्थी के पूर्व परिचित थे तथा प्रार्थी ने दिनांक 24.08.2022 को उक्त प्लाट 15 लाख रुपये में क्रय करने का इकरारनामा 13 लाख में किया।
रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा को प्रार्थी के निवास स्थान पर 02 लाख रुपये 45 दिवस के भीतर रजिस्ट्री अथवा पट्टा ट्रांसफर करवाते समय देना तय किया गया। प्रार्थी ने अप्रार्थी/अभियुक्त संख्या 1 ता 3 रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा को बकाया 02 लाख रुपये लेने था पट्टा ट्रांसफर करवाने हेतु कई बार निवेदन किया तब अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा कोई ना कोई बहाना बनाकर टालमटोल करते रहे। इस पर प्रार्थी को फिर से अप्रार्थी/अभियुक्तगण पर शक हुआ तथा प्रार्थी ने जब उक्त प्लाटों पर बाउण्ड्रीवॉल करवाने दिनांक 14 जनवरी 2024 को गया तब उक्त प्लाटों पर पड़ोस के लोग इक्ट्ठा हो गए और प्रार्थी को कहा कि यह तो पार्क की जमीन है आप इस पर निर्माण कार्य क्यों कर रहे हो?
इस पर प्रार्थी अचम्भित हो गया तथा प्रार्थी ने अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा में सम्पर्क किया तब उक्त तीनों अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा ही आग बबूला हो गए तथा प्रार्थी के साथ गाली गलौच एवं मारपीट करने लगे तथा कहा कि हमारा काम ही जान पहचान के लोगों को सस्ती जमीन देने के नाम पर फर्जी पट्टा देकर रुपया वसूल करना है। उक्त अप्रार्थी/अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा की बाते सुनकर प्रार्थी मानसिक अवसाद में आ गया। अप्रार्थी/अभियुक्तगण ने प्रार्थी को एलानिया धमकी दी कि यदि आईन्दा जमीन या सापा मांगा तो अप्रार्थी/अभियुक्तगण प्रार्थी को जान से मार देगें। अभियुक्तगण ने प्रार्थी को धोखा देकर स्वयं को लाभ पहुंचाने व प्रार्थी को हानि पहुंचाने की गरज से उक्त आपराधिक कृत्य किया है। अभियुक्त रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद व नरेन्द्र शर्मा का उक्त कृत्य धारा 420, 406, 384, 120बी आईपीसी के तहत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। परिवादी ने घटना की लिखित रिपोर्ट पुलिस थाना रामगंज, जयपुर में दर्ज करवायी गयी, किन्तु परिवादी की रिपोर्ट पर कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं किये जाने पर परिवादी द्वारा धारा 154 (3) सीजार.पी.सी. की पालना में शिकायत श्रीमान थानाधिकारी महोदय पुलिस थाना रामगंज, जयपुर एवं श्रीमान पुलिस उपायुक्त महोदय (उत्तर), जयपुर को जानिये डाक से भिजवा दी है परन्तु मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसलिए यह परिवाद श्रीमान के समक्ष पेश करना लाजमी हुआ है। 12. यह कि परिवाद पत्र उचित न्यायशुल्क पर श्रीमान न्यायालय के समक्ष अविलम्ब प्रस्तुत है। 13. यह कि उक्त मामल संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए उक्त मामले में विस्तृत अनुसंधान कर अार्थीक अभियु परिवादी की उक्त माल एवं राशि जब्त करनी है, इसलिए उक्त परिवाद को धारा 156 (3) दण्ड प्रकिया के तहत पुलिस थाना रामगंज, जयपुर महानगर, जयपुर को भेजा जाना आवश्यक एवं न्याय संगत है। प्रार्थी/परिवादी ने निवेदन किया है कि परिवाद स्वीकार किया जाकर उक्त परिवाद को धारा 156 (3) दण्ड प्रकिया संहिता के तहत पुलिस थाना रामगंज, जयपुर को भिजवाकर अप्रार्थीगण/अप्रार्थी/अभियुक्तगण द्वारा किए गये आपराधिक कृत्य के लिए बाद अनुसंधान एवं अन्वेक्षण दण्डित करने का आदेश प्रदान करे। पर अभी तक मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।
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