IAS समेत कई अफसरों से पूछताछ कर सकती है ED:योजना भवन में मिले कैश-गोल्ड के मामले में ईडी की शिकायत को कोर्ट से मिली मंजूरी
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गहलोत सरकार के वक्त योजना भवन में मिले कैश-गोल्ड के मामले में ईडी की अभियोजन शिकायत (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन) को कोर्ट की मंजूरी मिल गई हैं। ईडी ने इस केस में अपनी ओर से जांच करना शुरू कर दिया था। लेकिन हाई प्रोफाइल नाम होने के कारण ईडी की ओर से कोर्ट से अभियोजन स्वीकृति मांगी जा रही थी। कोर्ट के स्वीकृति मिलने के बाद अब ईडी के रडार पर सीनियर आईएएस अखिल अरोड़ा सहित कई अफसर आ सकते हैं। ईडी ने इस केस में करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया है।
मामले में कोर्ट ने गुरुवार को ही ED की प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन को मंजूरी दे दी है। पिछले दिनों ED की टीम सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) के दफ्तर आकर कुछ अफसरों के बयान भी ले चुकी है। अब प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन को मंजूरी मिलने के बाद जांच तेजी से आगे बढ़ सकेगी। इस मामले में ईडी ने एसीबी की एफआईआर को आधार बनाकर कोर्ट में अपील की थी।
यह है पूरा मामला
19 मई की रात जयपुर में सचिवालय के ठीक पीछे योजना भवन के बेसमेंट की बंद पड़ी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और एक किलो सोना बरामद हुआ था। अलमारी में रखे ट्रॉली सूटकेस में 2000 और 500 के नोट थे। अलमारी से 2000 के 7,298 और 500 रुपए के 17,107 नोट मिले थे। सोने की सिल्ली पर मेड इन स्विट्जरलैंड लिखा था। सोने की कीमत करीब 62 लाख बताई जा रही थी।
इस केस में एसीबी ने कैश और गोल्ड रिकवरी केस में एफआईआर दर्ज कर रखी है। इस एफआईआर में आरआईएसएल के तत्कालीन चेयरमैन आईएएस अखिल अरोड़ा के खिलाफ सरकार से जांच की अनुमति मांगी थी। इसके लिए एसीबी के तत्कालीन डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने 6 अक्टूबर 2023 को राज्य सरकार के कार्मिक विभाग को पत्र भी लिखा था।
कैश और गोल्ड रिकवरी मामले में एसीबी की जांच के बाद ईडी की टीम ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी वेद प्रकाश यादव को गिरफ्तार भी किया था। इसके साथ ही ईडी ने इसी मामले को लेकर राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में 25 ठिकानों पर रेड भी की थी। इसी मामले में पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सदस्य टीएन शर्मा ने भी मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है।
ईडी आज कल में जारी कर सकती है नोटिस
ईडी से मिली जानकारी के अनुसार ईडी इस केस में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए मुख्यालय बुला सकती हैं। सम्भावना है कि ईडी आने वाले दो दिन में केस में शामिल एसीबी के आईओ को भी जानकारी लेने के लिए ईडी मुख्यालय बुला सकती है। अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण उस दौरान एसीबी ने कई जिम्मेदारों से पूछताछ नहीं की थी।
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