राष्ट्रीय मरू नाट्य महोत्सव 15 मार्च से होगा शुरू:रवींद्र मंच पर 3 दिन तक अलग-अलग भाषाओं में प्रस्तुत होंगे नाटक
जयपुर
![यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर की ओर से पांचवा बहुभाषीय राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह 2024 की शुरुआत 15 मार्च से होगी। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/03/13/rvindra-manch-3501681189349_1710314278.jpg)
यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर की ओर से पांचवा बहुभाषीय राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह 2024 की शुरुआत 15 मार्च से होगी।
यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर की ओर से 5वां बहुभाषीय राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह 2024 की शुरुआत 15 मार्च से होगी। यह फेस्टिवल रवीन्द्र मंच के मुख्य सभागार में आयोजित होगा। इस तीन दिवसीय नाट्य समारोह में अलग-अलग भाषाओं के 6 नाटकों का मंचन किया जाएगा। प्रतिदिन दो नाटकों का मंचन किया जाएगा। प्रतिदिन की संध्या में पहला नाटक शाम 6 बजे से और दूसरा नाटक शाम 7.30 बजे से रवीन्द्र मंच के मुख्य सभागार में किया जाएगा।
यूटीए अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक केशव गुप्ता ने बताया कि यह समारोह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस तरह का बहुभाषीय नाट्य समारोह पूरे राजस्थान में सिर्फ यूटीए, जयपुर की ओर से ही किया जाता है। समारोह में हिंदी, बंगाली, संस्कृत भाषा के नाटकों का मंचन होगा। दो नाटकों के मध्य नाटक के निर्देशक से रंग संवाद भी किया जाएगा।
समारोह का आगाज बंगाल से आए नाट्य दल के नाटक सेई स्वप्नापुर से शाम 6 बजे से किया जाएगा। संजय चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित एवं सुरजीत सिन्हा द्वारा निर्देशित नाटक का मंचन बंगाली भाषा में होगा। नाटक खत्म होने पर 10 मिनट नाटक के निर्देशक सुरजीत सिन्हा से रंग संवाद किया जाएगा, जिसके मोडरेटर राजेश आचार्य होंगे। इसके बाद अजय शुक्ला द्वारा लिखित एवं केशव गुप्ता द्वारा निर्देशित नाटक दूसरा अध्याय का मंचन किया जाएगा।
दूसरे दिन की संध्या में पहला नाटक हिमाचल से आये नाट्य दल की ओर से मानव कौल लिखित एवं रजित सिंह कंवर के निर्देशित नाटक पार्क के रूप में मंचित होगा। हिन्दी भाषी इस नाटक के खत्म होने पर 10 मिनट नाटक के निर्देशक रजित सिंह कंवर से रंग संवाद किया जाएगा, जिसके मोडरेटर नरेन्द्र अरोड़ा होंगे। इस संध्या में दूसरी प्रस्तुति फरीदाबाद के नाट्य दल द्वारा अदम गोंडवी लिखित एवं अंकुश शर्मा द्वारा निर्देशित और अभिनीत नाटक सरजूपार की मोनालिसा का मंचन किया जाएगा।
तीसरे दिन की संध्या में पहला नाटक बीकानेर से आए नाट्य दल की ओर से सुरेश आचार्य लिखित एवं निर्देशित नाटक फिर ना मिलेगी जिंदगी के मंचन से किया जाएगा। हिन्दी भाषी इस नाटक के खत्म होने पर 10 मिनट नाटक के निर्देशक सुरेश आचार्य से रंग संवाद किया जाएगा, जिसके मोडरेटर अनिल मारवाड़ी होंगे। इस संध्या में दूसरी प्रस्तुति केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर के नाट्य दल द्वारा इलत्तुर सुन्दराज कवि लिखित एवं संदीप कुमार शर्मा द्वारा निर्देशित संस्कृत नाटक स्नूषाविजयम् की होगी। नाटक के अन्त में नाट्य निर्देशकों को मोमेंटो एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाएगा।
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