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पोकरण में मुकाबला ‘हिंदू योगी’ बनाम ‘मुस्लिम धर्मगुरु’, कांटे की टक्कर में कौन जीतेगा, किसे मिलेगी शिकस्त

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पोकरण में मुकाबला ‘हिंदू योगी’ बनाम ‘मुस्लिम धर्मगुरु’, कांटे की टक्कर में कौन जीतेगा, किसे मिलेगी शिकस्त

Rajasthan Polls: पश्चिम राजस्थान की पोकरण विधानसभा सीट पर दो धर्मगुरु आमने सामने हैं। एक हिन्दू धर्मगुरु हैं और दूसरे मुस्लिम। चुनाव में दोनों धर्मगुरुओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है। पिछली बार भी ये दोनों धर्मगुरु चुनावी मैदान में थे। चुनाव में हिंदू-मुस्लिम कोई कारक नहीं है लेकिन दोनों की साख और प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

जयपुर: पश्चिम राजस्थान की पोकरण विधानसभा सीट सबसे हॉट सीटों में से एक है। इस सीट पर दो धर्मगुरु आमने सामने हैं। एक धर्म गुरू हिन्दू हैं तो दूसरे मुस्लिम। चुनाव में दोनों धर्म गुरुओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पिछली बार भी ये दोनों धर्मगुरु चुनावी मैदान में थे। कांग्रेस से सालेह मोहम्मद चुनाव मैदान में हैं तो बीजेपी से महंत स्वामी प्रतापपुरी प्रत्याशी हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में सालेह मोहम्मद विजयी हुए। महंत प्रतापपुरी महाराज 872 मतों से पिछड़ गए थे।

मुस्लिम धर्मगुरु हैं सालेह मोहम्मद

बाड़मेर निवासी सालेह मोहम्मद सिंधी मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु रहे गाजी फकीर के पुत्र हैं। गाजी फकीर के निधन के बाद सालेह मोहम्मद उनके उत्तराधिकारी बने। वे मौजूदा विधायक भी हैं। सालेह मोहम्मद का कहना है कि धर्म उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है। वे कांग्रेस सरकार में हुए विकास कार्यों के आधार पर जनता के बीच जाकर समर्थन मांग रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि लोग विकास कार्यों के लिए वोट करेंगे, न कि धार्मिक आधार पर। चुनाव में हिंदू-मुस्लिम कोई कारक नहीं है।

प्रताप पुरी की प्रतिष्ठा बीजेपी मतदाताओं पर

महंत प्रतापपुरी महाराज बाड़मेर शहर के 12 किलोमीटर दूर महाबार गांव के रहने वाल हैं। उनके माता पिता ने बचपन में ही उन्हें गुरुकुल में भेज दिया। हरियाणा के चेशायर जिले में स्थित गुरुकुल में सतानत की शिक्षा लेने के बाद वे महंत बन गए। वे हिन्दुओं के आध्यात्मिक उपदेशक बन गए। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे महज 872 मतों से चुनाव हार गए। इस बार फिर से भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है।

कांटे की टक्कर रही है पोकरण में

पोकरण विधानसभा सीट का गठन वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ था। अब तक हुए तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई है। 2008 में सालेह मोहम्मद ने भाजपा के शैतान सिंह को 339 वोटों से हराया था। वहीं 2013 के चुनाव में शैतान सिंह ने सालेह मोहम्मद को 34 हजार 444 मतों के भारी अंतर से हराया। 2018 में भाजपा ने पुरी को मैदान में उतारा था। सालेह मोहम्मद के सामने प्रतापपुरी महाराज महज 872 वोटों से हार गए थे।

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