DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

भारत के साथ मिलकर हथियार बनाने को बेचैन अमेरिका और रूस, जानें किसने क्या ऑफर दिए

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

भारत के साथ मिलकर हथियार बनाने को बेचैन अमेरिका और रूस, जानें किसने क्या ऑफर दिए

अमेरिका और रूस में भारत को हथियार देने की होड़ मची हुई है। यही कारण है कि दोनों देश भारत के साथ हथियार उत्पादन की संभावनाओं को भी तलाश रहे हैं। अमेरिका ने हाल में ही भारत को स्ट्राइकर आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल का ऑफर दिया था। इसके बाद अब रूस भारत के साथ लड़ाकू विमानों के हथियारों के उत्पादन पर बातचीत कर रहा है।

मॉस्को: रूस और अमेरिका, भारत के साथ मिलकर हथियार बनाने के लिए बेचैन हैं। यही कारण है कि दोनों देश एक के बाद एक भारत को संयुक्त हथियार उत्पादन की पेशकश कर रहे हैं। टू प्लस टू वार्ता के दौरान अमेरिका ने भारत को स्ट्राइकर आर्मर्ड व्हीकल के संयुक्त उत्पादन का ऑफर दिया था। वहीं, अब रूस भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए संयुक्त रूप से हथियार उत्पादन करने पर बातचीत कर रहा है। रूस की सरकारी हथियार निर्यातक कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने बताया है कि वह भारतीय उद्यमों के साथ संयुक्त हथियार उत्पादन पर चर्चा कर रही है। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआईए ने रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के जनरल डायरेक्टर अलेक्जेंडर मिखेयेव के हवाले से कहा कि रोसोबोरोनेक्सपोर्ट विमानन हथियारों के संयुक्त उत्पादन को व्यवस्थित करने और उन्हें भारत में मौजूदा विमानन बेड़े में इंटीग्रेट करने के लिए भारतीय निजी और सार्वजनिक उद्यमों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने यह नहीं बताया कि संयुक्त उत्पादन वाले हथियारों को कौन से विमानों पर तैनात किया जाएगा।

भारतीय रक्षा आयात में 45% रूस की भागीदारी

अलेक्जेंडर मिखेयेव ने भारत की सरकारी और निजी कंपनियों के नाम नहीं बताए जिनके साथ रोसोबोरोनेक्सपोर्ट बातचीत कर रहा है। उन्होंने इस बारे में भी कोई विवरण नहीं दिया कि इसमें कौन सी भारतीय कंपनियां शामिल होंगी या संभावित उत्पादन कब शुरू होगा। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की इस वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारतीय रक्षा आयात में 45% की हिस्सेदारी के साथ रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

भारत को लगातार हथियार बेच रहा रूस

मिखेयेव ने कहा कि रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और भारतीय साझेदारों ने भारतीय रक्षा मंत्रालय को Su-30MKI फाइटर जेट, टैंक, बख्तरबंद वाहन और गोले उपलब्ध कराए हैं। भारत और रूस ने साल की शुरुआत में AK-203 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल्स का संयुक्त उत्पादन भी शुरू कर दिया है। भारत हर साल रोसोबोरोनेक्सपोर्ट से बड़ी मात्रा में रूसी हथियार, स्पेयर पार्ट्स और गोला-बारूद खरीदता है। इन हथियारों, गोला बारूद और स्पेयर पार्ट्स का इस्तेमाल भारतीय सैन्य बलों के शस्त्रागार को मजबूत बनाने में किया जाता है।

इन रूसी लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करता है भारत

भारतीय वायु सेना बड़ी संख्या में रूसी लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करती है। इनमें सबसे प्रमुख सुखोई एसयू-30एमकेआई है। इस विमान को भारतीय वायु सेना का बैकबोन भी कहा जाता है। इसके अलावा रिटायरमेंट की कगार पर खड़े मिग-21 लड़ाकू विमान भी रूस में ही बने थे। ये भारतीय वायु सेना के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान भी थे, जिन्होंने 1971 के युद्ध में जबरदस्त रणकौशल दिखाया था।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!