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राजस्थान के विधायकों की सैलरी हर साल अपने-आप बढ़ेगी:अभी वेतन 40 हजार, लेकिन भत्ते लाखों में; कमेटियों की बैठक में शामिल होने के रुपए अलग..!!

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राजस्थान के विधायकों की सैलरी हर साल अपने-आप बढ़ेगी:अभी वेतन 40 हजार, लेकिन भत्ते लाखों में; कमेटियों की बैठक में शामिल होने के रुपए अलग..!!

जयपुर

राजस्थान में विधायकों के वेतन, भत्ते और पूर्व विधायकों की पेंशन अब सरकारी कर्मचारियों की तरह हर साल बढ़ेगी। इसके लिए हर बार विधानसभा में बिल पास नहीं करवाना होगा। सोमवार को सीएम भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में बजट पास होने से पहले फाइनेंस और एप्रोप्रिएशन बिल (वित्त एवं विनियोग विधेयक) पर हुई बहस का जवाब देते हुए इसकी घोषणा की है। सीएम भजनलाल ने कहा- कई विधायकों और पूर्व विधायकों ने वेतन और पेंशन को लेकर उनसे आग्रह किया था।

विधायकों के वेतन और पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी कितनी होगी, यह आगे तय होगा। मोटे अनुमान के अनुसार, महंगाई के हिसाब से कम से कम 10 प्रतिशत सालाना या इसके आसपास का इजाफा तय माना जा रहा है। हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। अभी विधायकों की सैलरी देखें तो करीब 40 हजार रुपए है। इन्हें भत्ते लाखों में मिलते हैं।

सोमवार को विधानसभा में जैसे ही हर साल वेतन बढ़ने की घोषणा हुई विधायकों के चेहरे खिल उठे।

गहलोत राज में 2021 में बढ़े थे विधायकों के वेतन भत्ते
विधायकों के वेतन भत्ते गहलोत राज के दौरान दिसंबर 2021 में बढ़ाए गए थे। विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन भत्तों और पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा अधिकारियों और सदस्यों का परिलब्धियां और पेंशन अधिनियम 1956 बना हुआ है। इस कानून में अब हर साल वेतन और पेंशन बढ़ाने का प्रावधान करना होगा। इसके लिए विधानसभा में संशोधन बिल लाना होगा।

विधानसभा या कमेटियों की बैठक में शामिल होने के 2000 रुपए मिलते हैं। अगर 15 दिन बैठक हुई तो महीने के करीब 30 हजार मिलेंगे।
विधानसभा या कमेटियों की बैठक में शामिल होने के 2000 रुपए मिलते हैं। अगर 15 दिन बैठक हुई तो महीने के करीब 30 हजार मिलेंगे।

पांच साल विधायक रहने पर 35000 रुपए पेंशन
एक बार विधायक रहने पर पूर्व विधायक को 35 हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन मिलती है। पांच साल के बाद जितने साल विधायक रहे, उसके बाद हर साल के 1600 रुपए जोड़कर पेंशन मिलती है। जैसे कोई 10 साल विधायक रहा है। उसे पहले पांच साल के 35 हजार और बाकी पांच साल हर साल 1600 रुपए ज्यादा जोड़ते हुए हर महीने पेंशन मिलेगी। इस तरह दो बार विधायक रहने पर 43 हजार, तीन बार के विधायक को 51 हजार, चार बार विधायक रहने पर 59 हजार, पांच बार विधायक रहने 67 हजार, छह बार विधायक रहने र 75 हजार पेंशन मिलती है। पहले पांच साल के बाद हर पांच साल के टर्म में 8000 रुपए जुड़ते जाएंगे।

सीएम भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में एप्रोप्रिएशन बिल पर बहस का जवाब देते हुए घोषणाएं कीं।।

पूर्व विधायक के निधन के बाद पत्नी या आश्रित को मिलती है आधी पेंशन
पूर्व विधायक के निधन के बाद फैमिली पेंशन का प्रावधान है। विधायक के निधन के बाद पत्नी या उसके एक आश्रित को पेंशन मिलती है। फैमिली पेंशन विधायक को मिलने वाली पेंशन की 50 प्रतिशत होती है।

पूर्व विधायक के 70 साल के होने पर 20% और 80 साल होने पर 30% बढ़ोतरी
पूर्व विधायक की उम्र 70 साल होने पर 20% की वृद्धि और 80 वर्ष के होने पर पेंशन में 30% की वृद्धि की जाती है।

जनवरी से लागू होने की संभावना
विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन बढ़ाने के लिए कानून में बदलाव करना होगा। सरकार इस सर पर इसी सप्ताह संशोधन विधेयक ला सकती है। विधायकों से जुड़ा मामला होने के कारण बिल लाने की प्रक्रिया में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसे लागू करने की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जनवरी से सभी विधायकों के वेतन भत्तों में इंक्रीमेंट अपने आप लगना शुरू हो जाएगा।

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