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बीकानेर में गूंजा ‘ओम’: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आदियोगी योगा क्लास में हुआ भव्य आयोजनविभिन्न आसनों के अभ्यास के साथ दिया गया आरोग्यता और संतुलन का संदेश

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बीकानेर में गूंजा ‘ओम’: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आदियोगी योगा क्लास में हुआ भव्य आयोजन
विभिन्न आसनों के अभ्यास के साथ दिया गया आरोग्यता और संतुलन का संदेश

बीकानेर, 21 जून। ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बीकानेर में भी उत्साहपूर्वक आयोजन हुआ। शहर के प्रतिष्ठित आदियोगी योगा क्लास में योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में योग साधकों ने भाग लिया।
इस वर्ष की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 6 बजे ओम् ध्वनि के सामूहिक उच्चारण के साथ की गई।

कार्यक्रम में योग गुरू बबिता मेहता ने योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग न केवल शरीर को रोगमुक्त करता है, बल्कि जीवन में संतुलन, अनुशासन और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

प्रमुख योगासन जिनका अभ्यास कराया गया –

  1. ताड़ासन (Palm Tree Pose) – शरीर की लंबाई बढ़ाने और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने हेतु
  2. वृक्षासन (Tree Pose) – संतुलन और एकाग्रता के लिए
  3. भुजंगासन (Cobra Pose) – रीढ़ की लचीलापन बढ़ाने और पीठ दर्द में राहत देने हेतु
  4. त्रिकोणासन (Triangle Pose) – पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और शरीर में रक्त संचार सुधारने हेतु
  5. कपालभाति प्राणायाम – शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने के लिए
  6. अनुलोम-विलोम प्राणायाम – मानसिक तनाव कम करने व एकाग्रता बढ़ाने के लिए
  7. शलभासन (Locust Pose) – कमर और पाचनतंत्र को सशक्त बनाने के लिए
  8. शवासन (Corpse Pose) – पूर्ण विश्रांति और मानसिक शांति प्रदान करने हेतु

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ रीतू श्रीमाली ने बताया
“योग केवल व्यायाम नहीं, जीवन जीने की एक वैज्ञानिक विधा है। यह तन, मन और आत्मा को जोड़ता है। प्रत्येक नागरिक को दिनचर्या में योग को शामिल कर स्वस्थ भारत की संकल्पना को साकार करना चाहिए।”

तरुणा गेरा ने यह भी बताया कि आदियोगी योगा क्लास में प्रतिदिन बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिससे सभी आयु वर्ग के लोग लाभ उठाते हैं ।

सदस्यों की सहभागिता और अनुभव –**

योगाभ्यास के बाद प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए।श्रीमती कविता ने कहा,
“मैं पिछले एक साल से योग कर रही हूं। आज के सत्र में सामूहिक अभ्यास ने मुझे गहरे मानसिक शांति का अनुभव कराया।
वहीं श्रीमती हर्षा ने कहा,
“योग ने मेरी नींद, पाचन और जोड़ों की समस्या में उल्लेखनीय सुधार किया है। आज का आयोजन अत्यंत प्रेरणादायक रहा।”

कार्यक्रम में श्रीमती हर्षा,वंदना,पार्वती, मीना आदि महिलाएं उपस्थित रही।पूरे आयोजन में अनुशासन, ऊर्जा और आध्यात्मिकता का समावेश रहा। बीकानेर ने इस योग दिवस पर यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि “स्वास्थ्य ही असली धन है और योग उसका सबसे सशक्त माध्यम।”

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