सीकर में 12वीं का स्टूडेंट फंदे से लटका:परिजन का आरोप- स्कूल स्टाफ ने मारपीट कर बनाया था मुर्गा, यूनिफॉर्म को लेकर करते थे परेशान
सीकर
सीकर में 12वीं क्लास के स्टूडेंट ने स्कूल के हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला। परिजन का आरोप है कि प्रार्थना सभा में स्कूल स्टाफ ने यूनिफॉर्म को लेकर स्टूडेंट के साथ मारपीट की थी। उसे लगातार पनिशमेंट दी जा रही थी। इससे परेशान होकर उसने जान दी है।
उद्योग नगर थानाधिकारी सुरेंद्र देगड़ा ने बताया- मामला शांति नगर स्थित एलबीएस स्कूल का है। चूरू जिले के सालासर कस्बे का रहने वाला मोहित (17) पुत्र गोपाल सेवदा इस स्कूल में पढ़ता था। वह पिछले 4 साल से स्कूल के हॉस्टल में रह रहा था। मंगलवार रात 9 बजे वह हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला।
कमरे में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है- ‘वह अपनी इच्छा से सुसाइड कर रहा है।’ प्रारंभिक जांच में मामला सुसाइड का लग रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
भास्कर ने जब इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
अपने माता-पिता के साथ मोहित। मोहित तीन बहनों का इकलौता भाई था। (फाइल फोटो)
10वीं क्लास में 93 प्रतिशत मार्क्स आए थे
मोहित के ताऊ महावीर प्रसाद सेवदा ने बताया- वह पढ़ाई में होशियार था। उसके 10वीं क्लास में 93 प्रतिशत मार्क्स आए थे। ताऊ का आरोप है कि मंगलवार को स्कूल स्टाफ ने उसे प्रार्थना सभा से बाहर निकाल दिया। बाहर निकालने के बाद भी उसे पूरा दिन प्रताड़ित किया गया। पूरी घटना को स्कूल ने दबाए रखा।
ताऊ का आरोप है कि मोहित को यूनिफॉर्म को लेकर प्रताड़ित किया गया था। उसने टीचर्स को बोला था कि स्कूल ड्रेस सिलाई के लिए दी हुई है। वह 19 जुलाई से स्कूल ड्रेस पहन कर आ जाएगा। इसके बाद भी स्कूल स्टाफ ने लगातार मोहित के साथ मारपीट की। मोहित ने फोन पर परिजनों से बात करने की कोशिश भी की, लेकिन स्कूल स्टाफ ने उसे परिजन से बात नहीं करने दी।
स्कूल में स्टाफ ने मारपीट कर बनाया था मुर्गा
मोहित के चाचा अशोक कुमार का आरोप है कि स्कूल वाले इस घटना को छुपा रहे हैं। मोहित के साथ मंगलवार सुबह प्रार्थना सभा में मारपीट की गई थी और उसे मुर्गा बनाया गया था।
चाचा ने बताया कि मोहित ने अपने क्लास के एक स्टूडेंट से परिजनों से बात करने के लिए मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी मांगा था। इस बात का पता स्कूल की मैडम को चल गया, जिसके बाद उसकी और पिटाई की गई। मारपीट से परेशान होकर मोहित ने हॉस्टल में पंखे से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
सीकर सांसद अमराराम एसके हॉस्पिटल पहुंचे और परिजनों से बात की।
स्कूल स्टाफ ने नहीं दी परिजनों को सूचना
परिजनों का कहना है कि स्कूल स्टाफ ने बच्चे के सुसाइड की सूचना नहीं दी और बिना सूचना के शव को एसके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया। रात 10 बजे पुलिस से घटना की जानकारी मिली। परिजनों की मांग है कि पुलिस स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर गिरफ्तार करे। परिजनों ने पुलिस पर भी स्कूल संचालकों के साथ मिलीभगत कर मामला रफा-दफा करने के आरोप लगाए हैं। मोहित के पिता गोपाल सेवदा मजदूरी करते हैं। उसके तीन बहनें हैं। वह सबसे बड़ा था।
सांसद अमराराम बोले- ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए
सीकर सांसद अमराराम भी एसके हॉस्पिटल पहुंचे। अमराराम ने मोहित के परिजन से बात की। उन्होंने कहा- मोहित एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी स्टूडेंट था। निश्चित तौर पर जांच होनी चाहिए। यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मामले में निष्पक्ष जांच और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर SFI कार्यकर्ता एसके हॉस्पिटल में धरने पर बैठे हैं।
हॉस्पिटल में धरने पर बैठे SFI कार्यकर्ता
छात्र संगठन SFI के कार्यकर्ता स्कूल पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर एसके हॉस्पिटल में धरने पर बैठे हैं। SFI के जिला सचिव महिपाल गुर्जर का कहना है कि स्कूल की ओर से स्टूडेंट को परेशान किया जा रहा था, जिसके कारण उसने सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
मांगों पर नहीं बनी सहमति
मोहित के परिजन हॉस्पिटल से उसके स्कूल गए थे। वहां अन्य प्राइवेट स्कूलों के संचालक भी मौजूद थे। परिजनों और स्कूल संचालकों के बीच करीब ढाई घंटे तक वार्ता हुई, लेकिन मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई। अब परिजनों और एसएफआई कार्यकर्ताओं ने उद्योग नगर थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों की ये हैं मांगे
- स्कूल संचालिका के खिलाफ मामला दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए और हॉस्टल वार्डन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए।
- घटना से संबंधित सभी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जब्त की जाए और लोगों के निष्पक्ष बयान को दर्ज किया जाए।
- मोहित के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देकर आर्थिक सहायता की जाए।
- जिले के संपूर्ण स्कूल-कोचिंग संस्थानों के हॉस्टल की जांच के लिए जिला स्तरीय निगरानी समिति बनाकर समय-समय पर जांच कराई जाए।
- शव का पोस्टमाॅर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाकर मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
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