DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

पहली बार CAA से 14 शरणार्थी को भारतीय नागरिकता मिली:गृह मंत्रालय ने सर्टिफिकेट जारी किया; 11 मार्च को लागू हुआ था कानून

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

पहली बार CAA से 14 शरणार्थी को भारतीय नागरिकता मिली:गृह मंत्रालय ने सर्टिफिकेट जारी किया; 11 मार्च को लागू हुआ था कानून

ये तस्वीर भारत की नागरिकता पाने वाले व्यक्ति की है। नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 14 लोगों  को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। - Dainik Bhaskar

ये तस्वीर भारत की नागरिकता पाने वाले व्यक्ति की है। नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 14 लोगों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। गृह मंत्रालय ने बुधवार (15 मई) को ये जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 14 लोगों को CAA के सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं।

केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को CAA देशभर में लागू किया था। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

दरअसल, 10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद CAA कानून बन गया था।

नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें…

1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।

3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।

1955 के कानून में बदलाव किया गया
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।

सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) को गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में पेश किया था। 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में इसके पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।

CAA के 3 फैक्ट

  • 3 देशों के गैरकानूनी मुस्लिम इमिग्रेंट्स का क्या: CAA विदेशियों को निकालने के बारे में नहीं है। इसका गैरकानूनी शरणार्थियों को निकालने से लेना-देना नहीं है। ऐसे शरणार्थियों के लिए विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 पहले से लागू हैं। दोनों कानूनों के तहत किसी भी देश या धर्म के विदेशियों का भारत में प्रवेश या निष्कासन किया जाता है।
  • CAA को अब तक क्यों टालती रही सरकार: भाजपा शासित असम-त्रिपुरा में CAA को लेकर आशंकाएं रही हैं। सबसे पहले विरोध भी असम में हुआ। CAA में व्यवस्था है कि जो विदेशी 24 मार्च 1971 से पहले असम आकर बस गए, उन्हें नागरिकता दी जाए। इसके बाद बांग्लादेश अलग देश बन गया था।
  • CAA को लेकर लोगों को क्या आशंका थी: CAA को देश में NRC यानी नेशनल सिटीजनशिप रजिस्टर बनाने की सीढ़ी के तौर पर देखा गया। लोगों को आशंका थी कि विदेशी घुसपैठिया बताकर बड़ी संख्या में लोगों को निकाल बाहर किया जाएगा। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आशंका व्यक्त की गई कि CAA के बाद NRC लागू होने से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी उसके यहां लौट आएंगे।

किन राज्यों में विदेशियों को नागरिकता दी जा रही है?
नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को नागरिकता देने के अधिकार दिए गए हैं। ये राज्य हैं- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, UP, दिल्ली, महाराष्ट्र।

दिल्ली का शाहीन बाग इलाका CAA के विरोध से जुड़े आंदोलन का केंद्र था। यहां प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

दिल्ली का शाहीन बाग इलाका CAA के विरोध से जुड़े आंदोलन का केंद्र था। यहां प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

विरोध में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा जानें गईं
लोकसभा में आने से पहले ही इस बिल को लेकर विवाद था, लेकिन जब ये कानून बन गया तो उसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगों में तब्दील हो गई। कानून के विरोध में 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

चार राज्यों में CAA के विरोध में प्रस्ताव पारित हो चुका है
CAA बिल के संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद 4 राज्य इसके विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। सबसे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिसंबर 2019 में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने-बाने के खिलाफ है। इसमें नागरिकता देने से धर्म के आधार पर भेदभाव होगा।

इसके बाद पंजाब और राजस्थान सरकार ने विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। चौथा राज्य पश्चिम बंगाल था, जहां इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया। पश्चिम बंगाल की CM ने कहा था- बंगाल में हम CAA, NPR और NRC की अनुमति नहीं देंगे।

4 साल में 3,117 अल्पसंख्यकों को मिली नागरिकता
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिसंबर 2021 में राज्यसभा में बताया था कि साल 2018, 2019, 2020 और 2021 के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए कुल 3,117 अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी गई। हालांकि आवेदन 8,244 मिले थे। वहीं, गृह मंत्रालय की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2021 में कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!