DEFENCE, INTERNAL-EXTERNAL SECURITY AFFAIRS

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा भारत-उज़्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक प्रशिक्षण क्षेत्र का दौरा

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा भारत-उज़्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक प्रशिक्षण क्षेत्र का दौरा

Jaipur, Thursday 18 Apr 2024

            थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे ने भारत-उज़्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक प्रशिक्षण क्षेत्र टर्मेज़उज़्बेकिस्तान का 18 अप्रैल 2024 को  दौरा किया और उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

            थलसेना प्रमुख 15 से 18 अप्रैल 2024 तक उज्बेकिस्तान की 4 दिवसीय यात्रा पर हैं। उनके साथ उप रक्षा मंत्री और उज्बेकिस्तान की ओर से दक्षिणी संचालन कमान के प्रमुख भी थे।

            अभ्यास क्षेत्र में पहुंचने परसीओएएस को कंटिंजेंट कमांडरों द्वारा अभ्यास योजना के बारे में जानकारी दी गई। ब्रीफिंग के बादसीओएएस ने प्रशिक्षण गतिविधियों को देखा जिसमें मार्शल आर्ट और अन्य सामरिक गतिविधियों का प्रदर्शन शामिल था। सीओएएस ने दोनों टुकड़ियों के सैनिकों को संबोधित किया और इस अभ्यास के दौरान उनकी कड़ी मेहनत और संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने पेशेवर सैन्य आचरण के लिए टुकड़ियों की सराहना की। सीओएएस ने दोनों देशों और सशस्त्र बलों के बीच बढ़ती साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया। सीओएएस ने प्रशिक्षण सुविधाओं का विंडशील्ड दौरा किया और टर्मेज़ संग्रहालय का भी दौरा किया। इस दौरान सीओएएस ने मीडिया से भी बातचीत की।

            डस्टलिक अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और पहाड़ी और अर्ध शहरी इलाकों में संयुक्त अभियानों को अंजाम देने के लिए संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है। यह उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेससंयुक्त योजनासंयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल की बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीतितकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा। इस अभ्यास से दोनों देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमतासौहार्द्र और सौहार्द्र विकसित करने में भी मदद मिलेगी।

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