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बिना नेट के पीएचडी करने का आखिरी साल ! JNU में NET स्कोर से ही होंगे PhD प्रोग्राम में एडमिशन, यूनिवर्सिटी ने जारी किया नोटिस

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JNU में NET स्कोर से ही होंगे PhD प्रोग्राम में एडमिशन, यूनिवर्सिटी ने जारी किया नोटिस

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में इस साल से PhD प्रोग्राम में एडमिशन NET स्कोर के बेसिस पर ही होंगे। अब तक यूनिवर्सिटी में PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए अलग से एंट्रेंस टेस्ट हुआ करते थे। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अब इन प्रोग्राम में NET स्कोर के आधार पर एडमिशन का फैसला लिया है। NET नेशनल टेस्टिंग एजेंसी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट कंडक्ट करेगी।

एकेडमिक ईयर 2024-2025 से लागू होगा नियम
JNU एडमिनिस्ट्रेशन ने शनिवार को एक पब्लिक नोटिस जारी करते हुए ये जानकारी दी। इसके मुताबिक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, 2020 के तहत यूनिवर्सिटी के PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम की जगह UGC-NET और CSIR-NET एग्जाम के स्कोर के बेसिस पर एडमिशन लिए जा सकते हैं। ये नियम एकेडमिक ईयर 2024-2025 से ही लागू होगा।

JNU में PhD एडमिशन के लिए होगा ये क्राइटेरिया :

  • JRF कैटेगरी में NET क्वालिफाइड कैंडिडेट्स का असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपॉइंटमेंट वाइवा-वोस के आधार पर ही होगा।
  • PhD प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए UGC-NET या CSIR-NET स्कोर एक साल तक मान्य होगा।
  • ऐसे सब्जेक्ट्स जिनमें UGC-NET या CSIR – NET एग्जाम नहीं होता, उन सब्जेक्ट्स के लिए अलग से PhD एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट कराया जा सकता है।

JNUSU ने NET स्कोर के बेसिस पर PhD एडमिशन के खिलाफ किया था प्रदर्शन
बीते दिनों JNUSU ने NET स्कोर के बेसिस पर PhD एडमिशन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि कोरियन और लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स के लिए अलग से UGC NET एग्जाम नहीं होता है।

PhD में एडमिशन के लिए NET कंपल्सरी किए जाने के बाद ऐसे स्टूडेंट्स PhD कैसे करेंगे। दरअसल, NTA कुल 83 सब्जेक्ट्स में UGC NET एग्जाम कंडक्ट करता है। हालांकि, कोरियन लैंग्वेज और लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स के लिए अलग से एग्जाम नहीं लिया जाता।

NET कंपल्सरी होने से समाज के पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स का नुकसान होगा : JNUSU
इसके बाद यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के सेक्रेटरी प्रोफेसर मनीष जोशी JNUSU से मिले थे। स्टूडेंट यूनियन का कहना था कि PhD एडमिशन के लिए NET कंपल्सरी किए जाने से समाज के वंचित या पिछड़े वर्ग से आने वाले स्टूडेंट्स को PhD के लिए कम मौके मिलेंगे। इससे यूनिवर्सिटीज की स्वतंत्रता पर भी असर पड़ेगा।

यूनिवर्सिटी चाहे तो अपना एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट करा सकती है : UGC जॉइंट सेक्रेटरी
UGC के जॉइंट सेक्रेटरी प्रोफेसर मनीष जोशी ने JNUSU से कहा कि इन पॉइंट्स पर स्टूडेंट्स से बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि NET स्कोर के बेसिस पर PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए डायरेक्टिव गाइडलाइन जारी की गई है। यूनिवर्सिटीज चाहें तो इंस्टीट्यूट लेवल पर PhD एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट कर सकती हैं।

JNUEE के बेसिस पर ही हो PhD में एडमिशन : JNUSU
JNU एडमिनिस्ट्रेशन के NET स्कोर के बेसिस पर PhD एडमिशन को लेकर नोटिस जारी करने के बाद अब JNU यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ऑफ एडमिशन से 29 अप्रैल को मिलेंगे। इस दौरान JNUSU एडमिनिस्ट्रेशन से JNU एंट्रेंस एग्जाम (JNUEE) के बेसिस पर ही PhD प्रोग्राम में एडमिशन की मंजूरी देने की अपील करेंगे।

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