LIC का चौथी-तिमाही में मुनाफा 2.5% बढ़कर ₹13,762 करोड़:₹6 प्रति शेयर का लाभांश देगी कंपनी, एक साल में 71% चढ़ा शेयर
मुंबई
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लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 2.5% बढ़कर 13,762 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट ₹13,427 करोड़ रहा था।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए ₹6 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड यानी लाभांश देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। LIC ने आज यानी 27 मई को चौथी तिमाही और सालाना नतीजे जारी किए।
बीते एक साल में LIC ने 71.46% रिटर्न दिया
LIC का शेयर आज 0.77% बढ़कर 1,037 रुपए पर बंद हुआ। इसने बीते एक साल में 71.46% का रिटर्न दिया है। LIC के शेयर 17 मई 2022 को बाजार में लिस्ट हुए थे। इसका इश्यू प्राइस 949 रुपए प्रति शेयर था। वहीं इसकी लिस्टिंग 867 रुपए पर हुई थी।
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वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का मुनाफा 11.75% बढ़ा
LIC का पूरे वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा 11.75% बढ़कर ₹40,675.79 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा ₹36,397.39 करोड़ रहा था।
58.87% की हिस्सेदारी के साथ LIC मार्केट लीडर
कंपनी की फाइलिंग में कहा गया है कि पहले साल की प्रीमियम आय (FYPI) में, LIC 58.87% की कुल बाजार हिस्सेदारी के साथ लीडर बनी हुई है। 31 मार्च, 2024 को समाप्त वर्ष के लिए, LIC के इंडिविजुअल बिजनेस में बाजार हिस्सेदारी 38.44% और ग्रुप बिजनेस में 72.30% थी।
इंडिविजुअल सेगमेंट में 2.03 करोड़ पॉलिसियां बेचीं
LIC ने वित्त वर्ष 2024 में इंडिविजुअल सेगमेंट में 2.03 करोड़ पॉलिसियां बेचीं। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 2.04 करोड़ पॉलिसियां बेचीं थी। वहीं कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट 43.97 लाख करोड़ रुपए से 16.48% बढ़कर 51.21 लाख करोड़ रुपए हो गया।
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1956 में 245 कंपनियों को मिलाकर बनाई गई LIC
1956 तक भारत में 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 विदेशी कंपनियां और 75 प्रोविडेंट कंपनियां काम करती थीं। 1 सितंबर 1956 को सरकार ने इन सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके भारतीय जीवन बीमा निगम, यानी LIC की शुरुआत की।
सरकार ने उस वक्त इसे पांच करोड़ रुपए जारी किए थे। 1956 में LIC के 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस, 212 ब्रांच ऑफिस और एक कॉर्पोरेट ऑफिस था। कंपनी ने एक साल में ही 200 करोड़ का बिजनेस किया। इस भरोसे के पीछे एक बड़ी वजह सरकार की गारंटी थी।
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क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
यहां, LIC की LIC की 6 एसोसिएट कंपनीज है…
- IDBI बैंक लिमिटेड
- LIC म्यूचुअल फंड ट्रस्टी प्राइवेट लिमिटेड
- LIC म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड
- LIC हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड
- IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड
- LICHFL एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड
वहीं दो सब्सिडियरी कंपनी LIC पेंशन फंड लिमिटेड और LIC कार्ड सर्विस लिमिटेड है। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कॉन्सोलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, LIC के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।
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