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सिंगापुर एयरलाइंस का प्लेन टर्बुलेंस में फंसा, एक की मौत:30 घायल; झटके से 5 मिनट में 6 हजार फीट नीचे आया, बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग

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सिंगापुर एयरलाइंस का प्लेन टर्बुलेंस में फंसा, एक की मौत:30 घायल; झटके से 5 मिनट में 6 हजार फीट नीचे आया, बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग

फुटेज में सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट के अंदर टर्बुलेंस की वजह से कई यात्री घायल हो गए। सीलिंग के पैनल उखड़ गए। - Dainik Bhaskar

फुटेज में सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट के अंदर टर्बुलेंस की वजह से कई यात्री घायल हो गए। सीलिंग के पैनल उखड़ गए।

सिंगापुर एयरलाइन्स की फ्लाइट 21 मई को म्यांमार के आसमान में एयर टर्बुलेंस में फंस गई। अचानक लगे झटकों से 73 साल के ब्रिटिश पैसेंजर की मौत हो गई। 30 घायल हो गए। फ्लाइट लंदन से सिंगापुर जा रही थी। सिंगापुर एयरलाइन्स की बोइंग 777-300ER फ्लाइट ने लंदन से भारतीय समय के मुताबिक देर रात 2:45 बजे उड़ान भरी थी।

टेकऑफ के 11 घंटे बाद फ्लाइट म्यांमार के एयरस्पेस में 37 हजार फीट पर खराब मौसम की वजह एयर टर्बुलेंस में फंस गई। इस दौरान कई झटके लगे। विमान 5 मिनट के अंदर 37 हजार फीट की ऊंचाई से 31 हजार फीट की ऊंचाई पर आ गया।

इस दौरान ऊंचाई कम करते वक्त यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने की वॉर्निंग नहीं दी गई। कई यात्री अपनी सीट से ऊपर उछल गए। उनका सिर लगेज कंटेनर से टकरा गया। कई लोगों को चोट लगी। एक पैसेंजर की मौत हो गई।

इसके बाद फ्लाइट को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:15 बजे बैंकॉक डायवर्ट किया गया। यहां के सुवर्नभूमि एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फ्लाइट दोपहर 3:40 बजे सिंगापुर लैंड होने वाली थी।

मैप से समझिए फ्लाइट के रूट और घटना को

फ्लाइट के अंदर का फोटो: टर्बुलेंस के वजह से खाना और सामान बिखर गया, लोग बेहाल दिखे

टर्बुलेंस के बाद लोग डरे और सहमे नजर आए।

टर्बुलेंस के बाद लोग डरे और सहमे नजर आए।

विमान की एयर होस्टेस यात्री के चेहरे पर चोट लग गई।

विमान की एयर होस्टेस यात्री के चेहरे पर चोट लग गई।

फुटेज में सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट के अंदर टर्बुलेंस की वजह से लोगों पर खाने की ट्रॉली पलटती दिख रही है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है।

फुटेज में सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट के अंदर टर्बुलेंस की वजह से लोगों पर खाने की ट्रॉली पलटती दिख रही है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है।

फ्लाइट के अंदर बिखरा हुआ खाना और सामान।

फ्लाइट के अंदर बिखरा हुआ खाना और सामान।

झटकों की वजह से ऑक्सीजन मास्क खुल गए और सीलिंग का कुछ हिस्सा बाहर निकल आया।

झटकों की वजह से ऑक्सीजन मास्क खुल गए और सीलिंग का कुछ हिस्सा बाहर निकल आया।

फ्लाइट के ऊपर लगे पैनल टकराने से कई यात्री घायल हो गए। इन्हें सिर और चेहरे पर चोट लगी।

फ्लाइट के ऊपर लगे पैनल टकराने से कई यात्री घायल हो गए। इन्हें सिर और चेहरे पर चोट लगी।

प्लेन के सीलिंग में लगे पैनल का हिस्सा उखड़ गया। यात्री इससे जा टकराए।

प्लेन के सीलिंग में लगे पैनल का हिस्सा उखड़ गया। यात्री इससे जा टकराए।

फ्लाइट का पैंट्री एरिया तहस-नहस हो गया।

फ्लाइट का पैंट्री एरिया तहस-नहस हो गया।

फ्लाइट में 211 यात्री और 18 क्रू सदस्य थे
फ्लाइट में 211 यात्री और 18 क्रू सदस्य सवार थे। फ्लाइट शाम 6 बजकर 10 मिनट पर सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट उतरने वाली थी। प्लेन की लैंडिंग के तुरंत बाद एम्बुलेंस की कई गाड़ियां एयरपोर्ट पहुंची। घायलों को पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सिंगापुर एयरलाइन्स ने मारे गए यात्री के परिजनों के प्रति शोक जताया है। उन्होंने कहा कि कंपनी के अधिकारी बैंकॉक से लगातार संपर्क में है। सभी यात्रियों को जरूरी मदद पहुंचाई जा रही है।

बैंकॉक एयरपोर्ट की फोटोज, जहां पैसेंजर को इलाज किया गया

इमरजेंसी लैंडिंग के बाद घायल शख्स को ले जाते रेस्क्यू वर्कर्स।

इमरजेंसी लैंडिंग के बाद घायल शख्स को ले जाते रेस्क्यू वर्कर्स।

बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद बचाव कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे।

बैंकॉक में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद बचाव कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे।

सभी घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।

सभी घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।

क्या होता है टर्बुलेंस?
विमान में टर्बुलेंस या हलचल का मतलब होता है- हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना, जो विमान को उड़ने में मदद करती है। ऐसा होने पर विमान हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है यानी अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी को टर्बुलेंस कहते हैं। कई बार टर्बुलेंस से अचानक ही विमान ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है।

यही वजह है कि टर्बुलेंस की वजह से विमान में सवार यात्रियों को ऐसा लगता है, जैसे विमान गिरने वाला है। टर्बुलेंस में प्लेन का उड़ना कुछ हद तक वैसा ही है, जैसे-उबाड़-खाबड़ सड़क पर कार चलाना। कुछ टर्बुलेंस हल्के होते हैं, जबकि कुछ गंभीर होते हैं।

किसी भी प्लेन को स्थिर तौर पर उड़ने के लिए जरूरी है कि इसके विंग के ऊपर और नीचे से बहने वाली हवा नियमित हो। कई बार मौसम या अन्य कारणों से हवा के बहाव में अनियमितता आ जाती है, इससे एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और इसी वजह से टर्बुलेंस होता है।

टर्बुलेंस तीव्रता के लिहाज से तीन तरह के होते हैं

  • हल्के टर्बुलेंस: इसमें प्लेन 1 मीटर तक ऊपर-नीचे होता है। यात्रियों को पता भी नहीं चलता।
  • मध्यम टर्बुलेंस: इसमें जहाज 3-6 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं। इससे ड्रिंक गिर सकता है।
  • गंभीर टर्बुलेंस: इसमें जहाज 30 मीटर तक ऊपर-नीचे होते हैं। सीट बेल्ट न लगाए रहने पर पैसेंजर उछलकर गिर सकते हैं।

क्या टर्बुलेंस की वजह से प्लेन क्रैश हो सकता है?

  • आधुनिक टेक्नीक के बेहतर होने से टर्बुलेंस की वजह से प्लेन क्रैश होने की आशंका काफी कम हो गई है, लेकिन टर्बुलेंस से प्लेन क्रैश की आशंका रहती है। 1960 के दशक में दुनिया में हुए कुछ विमान हादसे टर्बुलेंस की वजह से ही हुए थे।
  • 1994 में अमेरिका में US एयर फ्लाइट 1016 आंधी-तूफान की वजह से पैदा हुए टर्बुलेंस के कारण लैंडिंग के समय क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 37 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 1999 में अमेरिकी एयरलाइन फ्लाइट 1420 आंधी-तूफान की वजह से पैदा टर्बुलेंस के बाद लैंडिंग के समय एयरपोर्ट पर रनवे से आगे निकलकर क्रैश हो गई थी। इस हादसे में विमान में सवार 145 में से 11 लोगों की मौत हुई थी।
  • 2001 में वेक टर्बुलेंस की वजह से अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 587 टेकऑफ के थोड़ी देर बाद क्रैश हो गई थी, जिससे इसमें सवार सभी 260 लोगों की मौत हो गई थी।
  • आधुनिक प्लेन इस तरह बनाए जाते हैं कि वे हर तरह के टर्बुलेंस झेल सकें। पायलट को भी इससे निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
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