मोदी 3.0 शपथग्रहण समारोह में ट्रांसजेंडरों और सफाई कर्मचारियों को भी न्योता, सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर न मार पाए
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण कार्यक्रम 9 जून को होना निश्चित हुआ है। इस कार्यक्रम में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी भाग लेंगे। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तगड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले मजदूरों, ट्रांसजेंडरों, सफाई कर्मचारियों को भी आमंत्रित किया है।
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी तीसरी बार लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ
- सिक्योरिटी को लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं
- मजदूरों, ट्रांसजेंडरों, सफाई कर्मचारियों को भी न्योता
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की रैलियों में महिलाओं के आगे सर झुकाकर नमन, अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले कारीगरों पर पुष्प वर्षा या फिर प्रयागराज में कुंभ आयोजन को सफल बनाने वाले कर्मचारियों का पैर धुलना हो, पीएम मोदी हमेशा लोगों और अपने विरोधियों को चौंकाते आए हैं। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी ने इस बार भी कुछ नया किया है। मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले मजदूरों, ट्रांसजेंडरों, सफाई कर्मचारियों को भी न्योता भेजा गया है। साथ ही साथ सुरक्षा व्यवस्था भी काफी टाइट होने वाली है। सिक्योरिटी ऐसी रहेगी जिसके बाद एक परिंद भी पर नहीं मार पाएगा।
कैसी होगी सुरक्षा जानिए
सूत्रों ने बताया कि 9 जून को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन जैसी ही सुरक्षा व्यवस्था होगी। मध्य दिल्ली की सुरक्षा के लिए खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र बलों के साथ समन्वय में जमीन से हवा तक निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए हर तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। यह सुरक्षा इसलिए भी इतनी टाइट रखी जा रही है, क्योंकि इस शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के हुक्मरान शामिल होंगे। इसमें बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका दक्षिण एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।
वीवीआईपी की सुरक्षा के ये इंतजाम
सुरक्षा के दो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं उनके काफिले की आवाजाही और होटल तथा कार्यक्रम स्थल के बीच मार्ग की सुरक्षा। प्रत्येक गणमान्य व्यक्ति को एक कॉल साइन दिया जाएगा, जिसे समारोह की सुबह बताया जाएहा। इसका उपयोग काफिले की आवाजाही और राष्ट्रपति भवन तथा कर्तव्य पथ तक उनके मार्ग के समन्वय के लिए किया जाएगा। गुरुवार दोपहर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में व्यवस्थाओं की बारीकियों पर चर्चा के लिए एक विस्तृत विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया। चर्चाओं से अवगत एक डीसीपी रैंक के अधिकारी के अनुसार, बैठक के दौरान जी-20 के दौरान अपनाए गए उपायों को दोहराने का निर्णय लिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘इसका मतलब है कि प्रत्येक होटल में डीसीपी रैंक के स्थल कमांडर होंगे, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्ष ठहरेंगे। वे विशेष आयुक्त रैंक के जोनल/वर्टिकल कमांडरों को रिपोर्ट करेंगे।’
खुफिया एजेंसियां अपने विदेशी समकक्षों के साथ समन्वय कर रही हैं, जो अपने-अपने गणमान्य व्यक्तियों की तत्काल सुरक्षा घेरे का निर्माण करेंगे। दिल्ली पुलिस आयोजन स्थलों और मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए उसे दी गई जानकारी पर काम कर रही है। प्रत्येक विदेशी नेता की खतरे की धारणा का व्यक्तिगत रूप से अध्ययन किया जा रहा है।
घुसपैठ चेतावनी प्रणाली और मुद्रा पहचान से पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया, ‘अगर कोई पुरुष या महिला दीवार फांदते हुए पकड़ा जाता है या असामान्य शारीरिक हरकतें जैसे रेंगना या लंगड़ाकर चलना या पीठ झुकाकर चलना आदि दिखाता है, तो एडवांस एआई-आधारित कैमरे और सॉफ्टवेयर अलार्म बजाएंगे और सुरक्षा को सचेत करेंगे।’
परिंदा पर भी नहीं मार पाएगा
होटल के कर्मचारियों की जांच और पृष्ठभूमि की जांच विशेष शाखा और सुरक्षा इकाई द्वारा की जा रही है और जी-20 के दौरान तैयार की गई सत्यापन रिपोर्टों का भी फिर से अध्ययन किया जा रहा है। प्रत्येक मंजिल के लिए कर्मचारियों का अलग-अलग समूह होगा और उनकी आवाजाही हर समय होटल की उसी मंजिल तक सीमित रहेगी। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के पास कम से कम दो कमरे होंगे जो नियंत्रण कक्ष के रूप में काम करेंगे। समारोह के दौरान राज्य की सीमाएँ सील रहेंगी, लेकिन मॉल, बाज़ार, स्मारकों और पूजा स्थलों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल, कमांडो इकाइयाँ और विशेष वाहनों के साथ स्ट्राइक बलों द्वारा अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।
बिंदुवार समझिए पूरा सुरक्षा घेरा
> G20 सम्मेलन की तरह ही सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा रही है।
> विदेशी मेहमानों के ठहरने वाले होटलों की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी चिंता है।
> कारों का आवागमन और रास्तों की सुरक्षा अहम ज़िम्मेदारी होगी।
> ताज, मौर्य, लीला और ओबेरॉय – ये चार बड़े होटल कड़ी सुरक्षा के घेरे में होंगे।
> हर होटल में डीसीपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
> चारों स्पेशल कमिश्नरों को कुल मिलाकर जिम्मेदारी दी जाएगी। ये अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और सेना की यूनिटों के साथ मिलकर काम करेंगे।
जांच-पड़ताल और पहचान
>हर मंजिल के लिए अलग-अलग कर्मचारी होंगे। इन्हें हर समय उसी मंजिल पर रहना होगा, दूसरी मंजिलों पर जाने की इजाजत नहीं होगी।
>सम्मेलन के दौरान होटल के कर्मचारियों के आने-जाने के लिए खास तरह से प्रोग्राम किए गए कार्ड इस्तेमाल किए जाएंगे।
>होटल के सभी कर्मचारियों की जांच की जाएगी। इसके लिए जी20 सम्मेलन के लिए बने विशेष जांच फॉर्म और रिपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।
चील जैसी पैनी निगरानी
>हर होटल में कम से कम एक कमरा सुरक्षा विभाग ले सकता है। इस कमरे को कंट्रोल रूम बना दिया जाएगा।
>होटल के इस कंट्रोल रूम को पुलिस की केंद्रीय निगरानी प्रणाली सी4आई (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग और इंटेलिजेंस) से जोड़ा जाएगा।
>होटल की छतों और आसपास की ऊंची इमारतों पर रात में देखने वाले दूरबीन से लैस स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। ये स्नाइपर हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे।
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