गोविंदा शिवसेना शिंदे गुट में शामिल:मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से चुनाव लड़ सकते हैं; 2004 के चुनाव में भाजपा के राम नाइक को हराया था
मुंबई
गोविंदा ने महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना ऑफिस बाला साहब भवन में पार्टी जॉइन की।
बॉलीवुड एक्टर गोविंदा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं। वे गुरुवार (28 मार्च) शाम करीब 5 बजे सीएम शिंदे के साथ मुंबई स्थित शिवसेना ऑफिस पहुंचे। इसके थोड़ी देर बाद उन्होंने पार्टी जॉइन कर ली।
शिवसेना जॉइन करने के बाद गोविंदा ने कहा- मैं 2004 से 2009 तक राजनीति में था। ये संयोग है कि 14 साल बाद मैं फिर से राजनीति में आया हूं। मुझ पर जो विश्वास किया गया है, मैं उसे पूरी तरह से निभाऊंगा।
शिवसेना गोविंदा को मुंबई की नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है। यहां से उद्धव गुट की शिवसेना ने अमोल कीर्तिकर को अपना प्रत्याशी बनाया है। गोविंदा ने 27 मार्च को पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद से ही उनके चुनाव लड़ने के कयास लग रहे थे।
ये पहली बार नहीं है जब गोविंदा लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने 2004 में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई नॉर्थ से लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा के राम नाइक को 48,271 वोटों से हराया था। गोविंदा 2004 से 2009 तक सांसद रहे।
CM शिंदे ने शिवसेना ऑफिस में एक्टर गोविंदा को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
शिवसेना में शामिल होने के बाद पार्टी के झंडे के साथ गोविंदा और सीएम शिंदे।
महाराष्ट्र में भाजपा 27, शिवसेना 14 और NCP 5 सीटों पर लड़ सकती है चुनाव
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और NCP के गठबंधन के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 27 पर, शिवसेना 14 पर और NCP 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द होने की संभावना है।
इससे पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से BJP 30 से 32 सीटों पर, शिवसेना 10 से 12 और NCP 6 से 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। 6 मार्च को अमित शाह की मौजूदगी में मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में हुई बैठक में यह सहमति बनने की बात सामने आई थी।
महाराष्ट्र में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP की गठबंधन सरकार है।
वहीं, महाविकास अघाड़ी ने सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाने के लिए शाम 5 बजे तीनों दलों (कांग्रेस, शिवसेना UBT, NCP शरदचंद्र पवार) की बैठक बुलाई है। कल ही शिवसेना उद्धव गुट ने 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। इनमें 3 सीटों पर कांग्रेस के दावेदार टिकट का इंतजार कर रहे थे। इस ऐलान से शरद पवार नाराज हैं।
बुधवार को शिवसेना UBT की तरफ से 17 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान करने पर शरद पवार ने कहा है कि हमारे सहयोगी गठबंधन धर्म नहीं निभा रहे हैं।
3 सीटों पर उद्धव गुट के प्रत्याशी, कांग्रेस नेता नाराज
तीन सीटें ऐसी हैं, जहां उद्धव गुट और कांग्रेस के बीच विवाद गहरा गया है। सीट बंटवारे से नाराज कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए। ये तीन सीटें हैं- मुंबई नॉर्थ-वेस्ट, मुंबई साउथ-सेंट्रल और सांगली।
मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से शिवसेना (UBT) के अमोल कीर्तिकर को टिकट मिलने से कांग्रेस के संजय निरुपम नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कीर्तिकर खिचड़ी स्कैम का घोटालेबाज है।
मुंबई साउथ-सेंट्रल से उद्धव ठाकरे के करीबी राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को टिकट दिया गया है। यहां से मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड चुनाव लड़ना चाहती थीं।
वहीं, सांगली से कांग्रेस विश्वजीत कदम को खड़ा करना चाहती थी। उद्धव गुट ने यहां चंद्रहार पाटिल को टिकट दे दिया है।
मराठा आंदोलन नेता मनोज जरांगे के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं प्रकाश अंबेडकर
इधर, वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) नेता प्रकाश अंबेडकर के मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे पाटिल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो रही हैं। प्रकाश अंबेडकर ने भी MVA से अलग होकर लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कल 8 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया है। मनोज जरांगे 30 मार्च को इस पर अंतिम फैसला लेंगे।
वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता और बाबा साहब अंबेडकर के पड़पोते प्रकाश अंबेडकर।
2019 में शिवसेना-भाजपा का 25 साल पुराना साथ टूटा
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। तब शिवसेना और भाजपा साथ थे। BJP 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के लिए CM के फॉर्मूले का दांव चला, लेकिन BJP नहीं मानी।
इस कारण विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही उद्धव ने भाजपा के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी अलायंस बनाकर सरकार बनाई, उद्धव ठाकरे CM बने थे।
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