राजस्थान बजरी नीलामी से रोक हटी:6 जिलों में अब हो सकेगी नीलामी; जयपुर में सप्लाई कम होने से बढ़ रही कीमतें
जयपुर
राजस्थान में भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर और नागौर के कुल 22 बड़े बजरी के ब्लॉक की नीलामी पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को रोक हटा दी। 4 मार्च को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद बजरी नीलामी पर रोक लगा दी थी। यह नीलामी 12 से 14 मार्च के बीच होनी थी। अब खान विभाग नए सिरे से नीलामी की तारीख जारी कर सकता है। हालांकि इसके लिए पहले निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी पड़ेगी। वहीं, जयपुर में बजरी सप्लाई प्रभावित होने से कीमतें बढ़ रही हैं।
दरअसल, जोधपुर में जिले की रिपोर्ट नहीं आने का हवाला देकर याचिका दायर की गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने खनन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। गुरुवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नीलामी प्रक्रिया से रोक हटा दी। इस रोक के हटने से अब ये नीलामी प्रक्रिया फिर से शुरू होगी।
300 करोड़ रुपए के रेवेन्यू की संभावना
34 से 100 हेक्टेयर जमीन तक की लीज जारी की जाएगी। राज्य सरकार को इस ऑक्शन से 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। जबकि आमजन को 40 टन के एक ट्रक पर करीब 15 हजार रुपए का फायदा हो सकता है।
यहां आवंटित होंगे ब्लॉक
ये ब्लॉक भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर के अलावा नागौर जिले में आवंटित किए जाएंगे। जो बनास नदी के अलावा लूनी नदी में होंगे। सरकार ने बिड में जो शर्ते निर्धारित की है, उसे देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार लोगों को बजरी बहुत सस्ती दर पर उपलब्ध हो सकती है।
पहले सरकार ने लगाई थी रोक
गहलोत सरकार ने इस बिड को तैयार करने के बाद 7 दिसंबर 2023 को जारी किया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद भजनलाल सरकार ने इस पर 16 दिसंबर को रोक लगा थी। आज करीब 2 माह बाद फरवरी में भजनलाल सरकार ने इस पर बिड वापस करने का निर्णय किया है। 4 मार्च को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इस कारण बिडिंग में देरी हो गई।
संकट मंडराने से बढ़ रहे है बजरी के दाम
वर्तमान में प्रदेश में 45 ब्लॉक चालू है, जिनसे खनन हो रहा है। इनमें से जून 2024 तक 25 ब्लॉक से खनन बंद हो जाएगा, क्योंकि उन ब्लॉक की लीज खत्म हो जाएगी। टोंक से अभी खनन बंद है। जयपुर में सबसे ज्यादा बजरी टोंक से ही सप्लाई हो रही है। जो खनन बंद होने के बाद भी रखे हुए स्टॉक से हो रही है। जयपुर में सप्लाई प्रभावित होने से बजरी की कीमतें बढ़ रही है। दरअसल, फरवरी में टोंक में अवैध खनन पर हुए ड्रोन सर्वें में 16 लाख 18 हजार टन अवैध बजरी खनन का खुलासा हुआ था। इसके बाद खनन बंद कर दिया था।
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