वाराणसी।श्री सौर धर्म सम्मेलन-मग मिलन महोत्सव वाराणसी के काशी व्यायामशाला में सम्पन्न हुआ ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीदेव मिश्र ने की व मुख्य अतिथि काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. नागेन्द्र पांडेय ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य विष्णु देव मिश्र, वेद विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पतंजलि मिश्र, कोटा की कुसुम लता हटीला, विद्वान हृदयरंजन शर्मा, विजयानंद सरस्वती, प्रमोद मिश्रा, बीकानेर के आर के शर्मा, श्रीडूंगरगढ़ के सत्यदीप शर्मा, अरूण मिश्र मधुप, उपेन्द्र नारायण पांडे मंचस्थ थे । गणेश वंदना, सरस्वती वंदना के बाद मातृशक्ति ने कामिनी विमल भोजक के निदेशन में स्वागत गीत प्रस्तत किया । एक दिवसीय महासम्मेलन में सनातनी परंपरा को प्रोत्साहन देने के लिये संकल्प लिया गया कि काशी में वेद महाविद्यालय स्थापित किया जाए । आर के शर्मा ने बताया कि शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों के सहयोग से बनने वाले वेद महाविद्यालय का संयोजक प्रोफेसर पतंजलि मिश्र को बनाया गया । इस अवसर पर ‘‘कातीयेष्टिदीपकः’’ पुस्तक तथा ‘‘श्रीसौरधर्मपंचागम’’ का लोकार्पण भी किया गया । महासम्मेलन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सभी मग बंधु शाकद्वीपीय शब्द को भी अपने आवास व नाम के आगे लगाएंगें । सम्मेलन में विभिन्न विद्वानों ने अपने सम्बोधन में देश की संस्कृति को बचाने तथा संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने संकल्प लिया । संयोजक शैलेश पाठक, हरिनारायण मिश्र, जीवेन्द्र कृष्ण आचार्य ने संचालन किया । बालक व बालिकाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की सास्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई व अतिथियों का रूद्राक्ष की माला, अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । महासम्मलेन में बीकानेर, श्रीडूगरगढ, कोटा, जैसलमेर, उड़िसा, छत्तीसगढ, आसाम, बिहार, झारखंड, दिल्ली, कोलकाता सहित विभिन्न प्रांतों व शहरों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।
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