बीकानेर। नाबार्ड द्वारा जिला विकास प्रबंधक द्वारा नाबार्ड द्वारा अग्रणी किसानों तथा स्थानीय कारीगरों को सुलभ ऋण उपलब्ध करवाने के लिए आरएमजीबी तथा अन्य बैंकों की सशक्त भूमिका के लिए सभी से सहयोग करने की आशा के साथ कहा की संयुक्त देयता समूहों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा किसानों तथा स्थानीय कारीगरों को ऋण उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। नाबार्ड द्वारा इस अवसर पर उपथित कारीगरों एवं अग्रणी किसानों को सूचित किया गया कि संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) एक अनौपचारिक समूह है जिसमें 4-10 व्यक्ति शामिल होते हैं जो व्यक्तिगत आधार पर या आपसी गारंटी के साथ समूह तंत्र के माध्यम से बैंक ऋण प्राप्त करने के उद्देश्य से एक साथ आते हैं। इस समूह के सदस्य एक ही प्रकार के आर्थिक कार्यकलाप कृषि/संबद्ध/गैर कृषि मेंकार्यरत होते हैं। आम तौर पर, स्थानीय बैंकों से जुडे जेएलजी के सदस्य गैर-कृषि क्षेत्र में समान प्रकार की आर्थिक गतिविधि में संलग्न है। बीकानेर में कशीदाकारी एवं बीकारी उस्ता कलाकारों को इस अवसर पर एक साथ आसानी से ऋण उपलब्ध हो इसके लिए राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक तथा सहकारी बैंकों के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है तथा आवश्यकतानुसार ऋण उपलब्ध करवानें में मदद उपलब्ध करवाई जा रही है जिसका सीधा प्रभाव उनकी उत्पादकता तथा आय के स्त्रोंतो को बढाने में होगा अंत सभी बैंकों को संयुक्त देयता समूहों को प्राथमिकता से ऋण प्रदान करना चाहिए। इस अवसर पर कारीगरों को प्रधानमंत्री रोजगार योजना तथा प्रधानमंत्री कौशल योजना के साथ साथ विश्वकर्मा के लिए अधिक से अधिक कारीगरों को जागृति देते हुए इससे जुडने की विधि से अवगत कराया.
इस अवसर पर राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से श्री गौरव मोहे द्वारा उपस्थित सदस्यों को बताया गया कि बैंक द्वारा सदस्यों को एक ही गांव/क्षेत्र/पड़ोस में रहना चाहिए और समूह/व्यक्तिगत ऋण के लिए संयुक्त दायित्व लेने के लिए एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानना और भरोसा करना चाहिए। जेएलजी को आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए समूह के प्रभावी नेता के तहत नियमित बैठकें आयोजित करनी चाहिए। उन्होने यह भी अनुरोध किया कि आसान शर्तो के साथ कारीगर मुद्रा लोन के माध्यम से भी ऋण प्राप्त कर सकते है।
जिला विकास प्रबंधक बीकानेर रमेश ताम्बिया द्वारा इस अवसर पर नाबार्ड के द्वारा महिला उत्थान तथा स्वयं सहायता समूहों के लिए किये गये ऋणात्मक एवं आजीविका अर्जन के लिए किये गये कार्यो के बारे में सभी को बताते हुए आरएमजीबी द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उनके स्थानीय उत्पादों को बाजार तक पहॅुचानें के लिए किये जा रहें कार्यो पर प्रकाश डालते हुए अपनी भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया तथा शाखा प्रबंधक द्वारा बैंक ऋण से जुडने के लिए आरएमजीबी एप का भी उपयोग करने पर प्रकाश डालते हुए बैंक के उत्पादों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
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