अलर्ट मोड पर प्रशासन:57 बीघा जमीन पर बनेगा मिनी फूड पार्क भुजिया-पापड़ इंडस्ट्रीज को लग जाएंगे पंख
बीकानेर
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देश-विदेश में अपने स्वाद की वजह से पहचान बनाने वाले बीकानेरी भुजिया इंडस्ट्रीज को चार चांद लगने वाले हैं। राज्य सरकार की बजट घोषणा में स्वीकृत मिनी फूड पार्क को विकसित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। श्रीगंगानगर-जयपुर बाइपास के पास हुसंगसर पंचायत की चक 496 आरडी (एल) पर करीब 57 बीघा जमीन पर मिनी फूड पार्क विकसित किया जाना है। इसे लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ चुका है।
हाल ही में जिला कलेक्टर नमृता वृष्णि ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव, नगर विकास न्यास को आवंटित जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के बाद उसका कब्जा मंडी समिति को देने के लिए कहा है। साथ ही सचिव, कृषि उपज मंडी समिति (अनाज) को जमीन के नामांतरण संबंधी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई के पूरा होने पर मिनी फूड पार्क का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा। बता दें बीकानेर के व्यापारी लंबे अर्से से मिनी फूड पार्क की आवश्यकता महसूस कर रहे थे।
कैसा होगा मिनी फूड पार्क, कौन सी इंडस्ट्रीज लगेगी
मंडी सचिव नवीन गोदारा ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा संख्या 72 की अनुपालना में इस मिनी फूड पार्क का निर्माण करवाया जाएगा। यह पूर्णतया एग्रो बेस होगा, इसमें भुजिया-पापड़, रसगुल्ला, मूंगफली, ऑयल, बेसन सहित अन्य इंडस्ट्रीज होंगी।
मिनी फूड पार्क तैयार होने से न केवल भुजिया-पापड़ इंडस्ट्रीज को पंख लगेंगे, बल्कि अन्य इंडस्ट्रीज भी विकसित हो सकेंगी। इसे डेवलप करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट का कार्य जयपुर की एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। वह इसका नक्शा और प्लान तैयार करके देगी। उन्होंने बताया कि मिनी फूड पार्क में कौन सी इंडस्ट्रीज के लिए कितने साइज के प्लॉट होंगे क्या दरें होगी, के बारे में जल्द ही रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इन अधिकारियों को एक्टिव किया
मिनी फूड पार्क को लेकर जिला कलेक्टर ने जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर विकास न्यास, कृषि विपणन विभाग क्षेत्रीय सयुंक्त निदेशक, उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिशाषी अभियंता एवं सचिव, कृषि उपज मण्डी समिति (अनाज) को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर स्वयं इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहीं है।
“मिनी फूड पार्क प्रोजेक्ट के तहत किसानों, प्रोसेसरों, और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाकर कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने की कवायद की जाएगी। मिनी फूड पार्क से अधिकतम मूल्यवर्धन सुनिश्चित होता है, किसानों की आय बढ़ेगी और खास तौर पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोगों को अधिक काम मिलेगा। फूड पार्क की आवंटित जमीन पर कब्जे पाए गए हैं, जिन्हें हटाने के लिए संबंधित विभागों को दिए हैं।”
-नमृता वृष्णि, जिला कलेक्टर, बीकानेर
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