वायनाड लैंडस्लाइड, तबाह घरों में चोरी हो रही:अब तक 365 मौतें, 206 लापता; केरल के CM बोले- पुनर्वास के लिए टाउनशिप बनाएंगे

वायनाड लैंडस्लाइड के छठे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है। 206 लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
केरल के वायनाड में 29-30 जुलाई की रात भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 365 पहुंच गई है। इनमें 30 बच्चे शामिल हैं। हादसे के छठे दिन बाद भी आज रविवार (4 अगस्त) को सर्च ऑपरेशन जारी है। 206 लोग अब भी लापता हैं।
केरल के CM पी. विजयन ने शनिवार को कहा- वायनाड लैंडस्लाइड में घर-जमीन खो चुके लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार एक टाउनशिप बनाएगी। यहां लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके में बचे हुए लोगों को बसाया जाएगा। राहुल गांधी और कर्नाटक सरकार ने भी लैंडस्लाइड पीड़ितों के लिए 100 घर बनाने का ऐलान किया है।
इधर, PTI के मुताबिक लैंडस्लाइड के बाद रिलीफ कैंप में रह रहे लोगों का कहना है कि उनके घरों में चोरियां हो रही हैं। कुछ लोग रात के समय आकर घरों से कीमती सामान चुरा रहे हैं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब पुलिस चोरों को पकड़ने के लिए पेट्रोलिंग कर रही है।
घटनास्थल को मैप से समझें..

सर्च ऑपरेशन के छठवें दिन के अपडेट्स
- लैंडस्लाइड के छठे दिन बाद आज रविवार को सुबह 7 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। छह टीमों में शामिल 1264 लोग मुंडक्कई, चुरालमाला और सामलीमट्टम में सर्च ऑपेरशन चला रहे हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने शनिवार को कहा था कि रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है।
- मौसम विभाग ने आज केरल के 6 जिलों कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड, इडुक्की और कोट्टायम में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
- केरल के मंत्री एके ससींद्रन ने कहा- हमने लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके को 6 जोन में बांटा है। हर जोन में 40 लोगों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसके लिए स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है।
- केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को वायनाड में लैंडस्लाइल प्रभावित इलाकों में पहुंचे। उन्होंने कहा- लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग की वैधता की जांच की जाएगी। इसके बाद ही केंद्र की ओर से सहायता दी जाएगी।
- लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों में लापता और दबे हुए लोगों को खोजने के लिए रडार की मदद ली जा रही है। यह रडार जमीन के अंदर 80 मीटर तक की गहराई में इंसानों के फंसे होने का पता लगाता है। सेना इस रडार का इस्तेमाल बर्फीले इलाकों खासकर सियाचिन, लद्दाख में एवलांच के बाद सर्चिंग के लिए करती है।
- सेना ने 1 अगस्त को मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की जानकारी दी थी। अब सिर्फ मलबे में दबे शवों को ढूंढने का काम चल रहा है। कई जगह जमीन के अंदर मलबे में 20 से 30 फीट तक शवों के दबे होने की आशंका है।

लाइफलाइन रही चलियार नदी में अब तक मिले 205 शव
केरल की चलियार नदी से शनिवार को रेस्क्यू टीमों ने 3 शव और 13 लोगों के शरीर के टुकड़े बरामद हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, अब तक चलियार नदी से कुल 205 शव मिल चुके हैं। इनमें 73 शव और 132 शरीर के टुकड़े हैं। 198 शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है और 195 को वायनाड भेज दिया है।
30 जुलाई की लैंडस्लाइड के बाद चलियार नदी तबाही का प्रतीक बन गई है। इससे पहले 169 किमी लंबी नदी वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिले के लोगों के लिए लाइफलाइन रही है। नेवी, पुलिस, फायर, रेस्क्यू और NDRF की टीमों का चलियार नदी में सर्च ऑपरेशन जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…

सेना ने चूरलमाला और मुंडक्कै को जोड़ने के लिए 190 फीट लंबे बेली पुल बनाया। इससे रेस्क्यू मशीनरी गुजर सकती है।

वायनाड में आज छठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लोगों के शव ढूंढे जा रहे हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान घायल लोगों का मेडिकल टीम इलाज कर रही है।

लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके में रेस्क्यू के लिए नौसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

केरल की टेरोटेरियल आर्मी के ले. कर्नल और अभिनेता मोहनलाल 3 करोड़ की मदद करेंगे।
5 साल पहले भी यहां लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।
वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।
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