WORLD NEWS

बांग्लादेश में इंडिया आउट कैंपेन फेल:विपक्षी पार्टी लोगों को जोड़ने में नाकाम रही; मालदीव की तरह भारत विरोधी भावनाएं भड़काने की साजिश थी

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बांग्लादेश में इंडिया आउट कैंपेन फेल:विपक्षी पार्टी लोगों को जोड़ने में नाकाम रही; मालदीव की तरह भारत विरोधी भावनाएं भड़काने की साजिश थी

ढाका

17 जनवरी को बांग्लादेश में बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था। - Dainik Bhaskar

17 जनवरी को बांग्लादेश में बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था।

बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आम चुनावों का बहिष्कार किया था। इसके बाद BNP ने नए मुद्दे को हवा देने की कोशिश करते हुए भारत के खिलाफ ‘इंडिया आऊट’ कैंपेन शुरू किया था।

जनवरी के बाद BNP के बड़े नेताओं ने बांग्लादेश में विपक्ष की नाकामी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। BNP के महासचिव राहुल कबीर रिजवी ने अपनी भारतीय शॉल को जमीन पर फेंक दिया और आग लगा दी, सीधे तौर पर ‘इंडिया आउट’ आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त की।

इसके बाद BNP और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों ने इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत प्रचार किया, लेकिन विरोध जमीन पर उतर नहीं पाया। ढाका यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रोफेसर इम्तियाज अहमद का कहना है कि BNP को चुनाव के बाद कुछ नहीं मिला और उन्होंने अचानक ‘इंडिया आउट’ आंदोलन शुरू कर दिया। आम लोगों को जोड़ने जैसा बुनियादी काम भी नहीं किया।

तस्वीर 2022 की है, जब शेख हसीना भारत दौरे पर आईं थीं।

तस्वीर 2022 की है, जब शेख हसीना भारत दौरे पर आईं थीं।

भारत से आयात बढ़ा रहा है बांग्लादेश

  • बांग्लादेश आयात के लिए भारत और चीन पर निर्भर है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2021-22 में बांग्लादेश के कुल आयात का 12% भारत से था। जो अब 16% तक हो गया है।
  • बांग्लादेश में भारतीय दूतावास के मुताबिक कपास और यार्न जैसे इंडस्ट्रियल कच्चे माल के अलावा रोजमर्रा की जरूरत की चीजों का आयात पिछले तीन साल में तेजी से बढ़ा है।
  • बांग्लादेश चुनाव से पहले भारत से बेनापोल और पेट्रापोल बंदरगाहों पर 200-250 ट्रक आते थे, लेकिन अब रोज 400 से 450 ट्रक माल आ रहा है।

विपक्ष के अभियान से डरे कारोबारी अब राहत में
‘इंडिया आउट’ कैंपेन के चलते डरे हुए कारोबारी अब राहत में है। ढाका में चादनीचक और न्यू मार्केट भारतीय कपड़ों के लिए प्रसिद्ध हैं। व्यापारियों का कहना है कि चुनाव के बाद भारतीय चीजों की बिक्री बढ़ी है। बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मोहम्मद अब्दुल वहीद ने कहा कि इंडिया आउट कैंपेन से कारोबार पर कोई असर नहीं दिख रहा।

17 जनवरी को शुरू हुआ था बायकॉट इंडिया मूवमेंट
17 जनवरी को बांग्लादेश में बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था। कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप और छोटे राजनीतिक दलों ने इसकी शुरुआत की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश के लोगों से भारतीय सामानों और सेवाओं के बायकॉट की अपील की। साथ ही लोगों से देश में बने प्रोडक्ट्स को खरीदने और उन्हें बढ़ावा देने की अपील भी की।

भारत से डेली यूज की चीजें खरीदता है बांग्लादेश
बांग्लादेश के लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भारत से भेजे जाने वाले सामानों पर निर्भर हैं। इनमें सब्जियां, तेल, कॉस्मेटिक, कपड़े, मोबाइल और गाड़ियां शामिल हैं। देश की बड़ी आबादी भारत से आने वाले लग्जरी आइटम जैसे- ज्वेलरी और फैशनेबल कपड़े भी खरीदती है। इतना ही नहीं, बांग्लादेश की इंडस्ट्री में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले कच्चे माल से लेकर कॉटन और कुशल कारीगरों की भी काफी डिमांड है।

ट्रेड: चीन के बाद भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। 2021-22 में भारत से बांग्लादेश में करीब 1.15 लाख करोड़ रुपए या 14 बिलियन डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया गया। वहीं, 2022-23 में दोनों देशों के बीच ये बिजनेस करीब 1.32 लाख करोड़ रुपए या 16 बिलियन डॉलर रहा।

बांग्लादेश को आर्थिक तौर पर मदद करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है। ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, दोनों देशों ने 40 प्रोजेक्ट के लिए 7.36 बिलियन डॉलर का एक लोन एग्रीमेंट भी साइन किया है।

टूरिज्म: बांग्लादेश में घूमने और काम के लिए जाने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऑफिशियल आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में 1.7 लाख विदेशी सैलानी बांग्लादेश पहुंचे। इनमें 37 हजार से ज्यादा सिर्फ भारतीय थे। बड़ी संख्या में भारतीय बांग्लादेश में काम भी कर रहे हैं।

बांग्लादेश भी भारत की कमाई का एक बड़ा जरिया है। लाखों बांग्लादेशी मेडिकल सुविधाओं और घूमने-फिरने के लिए हर साल भारत पहुंचते हैं।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!