NATIONAL NEWS

राष्ट्रपति भवन में साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यिक सम्मिलन का आयोजन:महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया उद्घाटन..

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

राष्ट्रपति भवन में साहित्य अकादेमी द्वारा साहित्यिक सम्मिलन का आयोजन

महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया उद्घाटन

स्थायी मानवीय मूल्य की स्थापना कालजयी साहित्य की पहचान होती है – द्रौपदी मुर्मु

आज का साहित्य उपदेशात्मक नहीं हो सकता – द्रौपदी मुर्मु

सांस्कृतिक पुनरुद्धार के दौर में साहित्य सृजकों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण – गजेंद्र सिंह शेखावत

नई दिल्ली। 29 मई 2025; साहित्य अकादेमी और राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आज ‘कितना बदल चुका है साहित्य? विषयक दो दिवसीय साहित्यिक सम्मिलन का उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र, नई दिल्ली में किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 140 करोड़ देशवसियों के हमारे परिवार में अनेक भाषाएँ और अनगिनत बोलियाँ है तथा साहित्यिक परंपराओं की असीम विविधता है। लेकिन इस विविधता में भारतीयता का स्पंदन महसूस होता है। भारतीयता का यही भाव हमारे देश की सामूहिक चेतना में रचा-बसा है। मैं मानती हूँ कि सभी भाषाओं में लिखित साहित्य मेरा ही साहित्य है। उन्होंने गोपबंधु दास, रवींद्रनाथ ठाकुर, फकीरमोहन सेनापति, गंगाधर मेहर, प्रतिभा राय आदि को संदर्भित करते हुए कहा कि आज का साहित्य उपदेशात्मक नहीं हो सकता। साहित्य से प्रेरणा लेकर मनुष्य सपने देखता है और उन्हें साकार करता है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे जैसे समाज और सामाजिक संस्थान बदले हैं, चुनौतियाँ और प्राथमिकताएँ भी बदली हैं और ऐसे ही साहित्य में भी बदलाव देखे गए हैं। लेकिन स्थायी मानवीय मूल्य की स्थापना कालजयी साहित्य की पहचान होती है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारत सरकार के माननीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि साहित्य समाज के, समाज की भावनाओं के और समाज की स्थितियों के दर्पण स्वरूप है तथा दर्पण होने के साथ-साथ यह समाज के मार्गदर्शन का काम भी करता है। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश सांस्कृतिक पुनरुद्धार के दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में साहित्य सृजकों की भूमिका और भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
कार्यक्रम के आरंभ में संस्कृति मंत्रालय की विशेष सचिव और वित्तीय सलाहकार श्रीमती रंजना चौपड़ा ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली संस्थाओं में साहित्य अकादेमी एक अग्रणी तथा व्यापक प्रभाव वाली संस्था है। पिछले कुछ वर्षों में अकादेमी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं और अपनी सक्रियता से सबका ध्यान आकर्षित किया है। यह सम्मिलन भी अकादेमी की विशिष्ट सक्रियता का उल्लेखनीय उदाहरण है। उन्होंने आशा व्यक्त की यह सम्मिलन साहित्य के बदलावों के प्रति हमारी दृष्टि को और अधिक व्यापक करेगा।
स्वागत भाषण के पश्चात् साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष श्री माधव कौशिक ने माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु तथा माननीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत का अंगवस्त्रम और पुस्तक भेंट कर अभिनंदन एवं स्वागत किया। उद्घाटन सत्र के बाद ‘सीधा दिल से: कवि सम्मिलन’ का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उर्दू के प्रख्यात शायर श्री शीन काफ निज़ाम ने की एवं इस सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष श्री माधव कौशिक उपस्थित रहे। कविता-पाठ करने वाले कवियों में श्री रणजीत दास (बाङ्ला), श्रीमती ममंग दई (अंग्रेजी), श्री दिलीप झवेरी (गुजराती), श्री अरुण कमल (हिंदी), श्री महेश गर्ग (हिंदी), श्री शफ़ी शौक (कश्मीरी), श्रीमती दमयंती बेशरा (संताली) और श्री रवि सुब्रह्मण्यम् (तमिऴ) ने अपनी कविताओं का पाठ किया। सत्र के आरंभ में अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने सभी कवियों का पारंपरिक अंगवस्त्रम प्रदान कर अभिनंदन और स्वागत किया। सत्रों का संचालन श्रीमती अलका सिन्हा द्वारा किया गया। कल पूरे दिन ‘भारत की स्त्रीवादी साहित्य: नए आधार की तलाश में’, ‘साहित्य में परिवर्तन बनाम परिवर्तन का साहित्य’ एवं ‘वैश्विक परिप्रेश्य में भारतीय साहित्य की नई दिशाएँ’ विषयक तीन सत्रों में साहित्य के बदले स्वरूपों पर प्रतिष्ठित भारतीय लेखकों एवं विद्वानों द्वारा विचार-विमर्श होगा। अंत में देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर हिमांशु बाजपेयी तथा प्रज्ञा शर्मा द्वारा अहिल्याबाई गाथा की प्रस्तुति की जाएगी।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!