इंदौर; सीएम यादव बोले-अहिल्या मां को किताबों में शामिल करेंगे:अहिल्या बाई का छोटे सा राज्य होने के बाद भी पूरे देश में काम किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार शाम इंदौर पहुंचे। सीएम यादव ने देवी अहिल्या बाई होल्कर के 300वीं जयंती समारोह में शामिल हुए। सीएम यादव ने कहा कि जहां सुमित्रा ताई खड़ी हो वहां पर अहिल्या माता का जिक्र न हो ऐसा नहीं हो सकता है। मैं आचार संहिता के कारण घोषणा नहीं कर सकता, लेकिन आपने अहिल्या माता के कार्यक्रमों की शुरुआत कि है मैं भव्य समापन करूंगा। इसकी गारंटी देता हूं।
चार जून के बाद आपकी समिति अहिल्या माता को लेकर देश में कही भी आयोजन करेगी। प्रदेश सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। हमने भारत माता को नहीं देखा केवल कल्पना की है। जिन्होंने अहिल्या माता को देखा व पढ़ा है उन्हें पता होगा कि अहिल्या माता की तरह भारत माता का आंचल कितना ममतामयी है।
अहिल्या माता का राज्य छोटा सा राज्य था। केवल पांच जिलों में फैल था। लेकिन काम देश में किया। रायसेना हिल्स उनका ही गांव था। यादव ने कहा कि अहिल्या माता को पाठय पुस्तक में शामिल किया जाएगा। ताकि नई पीढ़ी उनके बारे में जान सके।
मैं आज ही बनारस से लौटा हूं, लेकिन इतना कह सकता हूं कि बनारस से अहिल्या माता को हटा दो तो वह सुनसान हो जाएगा। आज बाबा विश्वनाथ मुस्कुरा रहे हैं। उसमें अहिल्या माता का योगदान है। देश के सभी 12 ज्योतिलिंग में सबसे पहले पूजा अहिल्या माता की लगती है। रामेश्वरम का जल, बाबा विश्वनाथ के अभिषेक के लिए रोजाना पहुंचाने का प्रकल्प आज भी काफी मुश्किल है। लेकिन यह कार्य माता अहिल्या ने किया। उनके योगदान को भुला नहीं सकते।
मल्हारी मार्तण्ड मंदिर में पहुंची मंत्री, आहुति देकर मां अहिल्या को किया प्रणाम
मल्हारी मार्तण्ड मंदिर में मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी और विधायक उषा ठाकुर ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर यज्ञ कुंड में आहुति अर्पित कर मां अहिल्या को प्रणाम किया।
मां अहिल्याबाई होलकर के जन्मोत्सव पर न्यास के साधकों द्वारा राजबाड़ा पर माता अहिल्याबाई की प्रतिमा की तीन परिक्रमा और माल्यार्पण किया साथ ही मल्हारी मार्तण्ड मंदिर में शिवजी का जलाभिषेक किया। न्यास के साधक प्रकृति को अनुकूल बनाए रखने के लिए सघन पौधारोपण भी करेंगे।
इंदौर में अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ:बोले प्रबुद्धजन- हर घर में हो अहिल्या जैसी बेटी, संत, सुमित्रा ताई, सीएम, सोनल आदि ने अर्पित की पुष्पांजलि
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारंभ 31 मई को शाम 5:30 बजे अभय प्रशाल इंदौर में हुआ। भानपुरा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, महामंडलेश्वर किरणदासबापू महाराज तथा महामंडलेश्वर कृष्णवदन महाराज के सान्निध्य में यह आयोजन हुआ। इंदौर के हजारों की संख्या में समाज जाति प्रमुख, कार्यकर्ताओं, प्रबुद्धजन इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, राष्ट्र सेविका समिति की संचालिका शांता अक्का, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यसभा सांसद पद्म विभूषण सोनल मानसिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मभूषण सुमित्रा महाजन, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित समारोह समिति के समस्त सदस्य इस आयोजन में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आरंभ ख्यातनाम कलाकार पं. गौतम काले एवं उनके सहयोगियों द्वारा देवी अहिल्याबाई के जीवन पर केंद्रित संगीतमय भावपूर्ण प्रस्तुति द्वारा हुआ। मुख्य कार्यक्रम का आरंभ मां अहिल्याबाई के समक्ष पुष्पांजलि व दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ।
सोनल मानसिंह का सम्मान करते आयोजन समिति के पदाधिकारी।
देश की व्यवस्था बिना धर्म के चल नहीं पाई
सभा को अपने आशीर्वचन में भानपुरा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ ने कहा देश की व्यवस्था बिना धर्म के चल नहीं पाई है। देवी अहिल्याबाई ने ऐसी ही धर्मनिष्ठ होकर अनुकरणीय राजकाज का संचालन किया। अपने आशीर्वचन में महामंडलेश्वर कृष्णवदन महाराज ने कहा हमारे भारतवर्ष में हर घर में अहिल्याबाई जैसी बेटी जन्म ले व राष्ट्र की उन्नति की कारक बने।
अहिल्या प्रतिमा पर नमन करते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।
जीवन सिर्फ सफल ही नहीं, सार्थक भी होना चाहिए
शुभारंभ कार्यक्रम की मुख्य वक्ता पद्मश्री निवेदिता भिड़े (विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी) ने कहा कि अपना जीवन सिर्फ सफल ही नहीं, सार्थक भी होना चाहिए। लोकमाता का जीवन वास्तव में सार्थकता से परिपूर्ण था। मेरे प्रत्येक राजकीय कृत्य का उत्तर मुझे परमात्मा को देना है। अपने कृति व कर्म की जिम्मेदारी मेरी स्वयं की है। इन कार्यों को करने के लिए ईश्वर ने मेरा चयन किया। अतः मैं अपने प्रत्येक कार्य को श्रेष्ठता के साथ करूंगी। अपने जीवन के विविध दायित्वों को निभाते हुए ही उनका जीवन विकसित हुआ। वे न्याय व निर्णय इस प्रकार से करती थी कि दोनों ही पक्ष उससे सहमत हो जाते थे। एक समय राहगीरों से लूटपाट करने वाले भील समूहों को ही उन्होंने प्रभावी रूप से समझाकर सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर दी।
दीप प्रज्जवलन करती सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अन्य अतिथि।
हर अवसर पर अहिल्याबाई को याद करते हैं इंदौरी
शुभकामनाएं प्रकट करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मभूषण सुमित्रा महाजन ने कहा हम इन्दौर वासी तो देवी अहिल्याबाई के जीवन को हर अवसर पर याद करते ही हैं, अब पूरा भारत जानेगा अहिल्या माता की पुण्याई को। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी का शुभारंभ हो रहा है। मेरा संकल्प है कि इसका भव्य समापन अवश्य होगा। प्रदेश सरकार इसके लिए पूरा सहयोग करेगी।
समारोह को संबोधित करते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।
भागवत और अम्मा के शुभकामना संदेश आए
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा अम्मा अमृतानंदमयी के संदेश का वाचन हुआ। अपने शुभकामना संदेश में पद्मविभूषण डाॅ. सोनल मानसिंह ने कहा मुझे इस समिति से जुड़ने का जब सौभाग्य मिला, तो मुझे लगा जैसे कि मुझे अहिल्या-रत्न मिल गया हो। देश कि राजधानी दिल्ली में भी माता अहिल्याबाई का स्मारक बनना चाहिए।
समारोह में उपस्थित शहर के प्रबुद्धजन।
त्रिशताब्दी समारोह समिति का गठन
कार्यक्रम की प्रस्तावना डाॅ. चन्द्रकला पाडिया ने रखी तथा बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती की त्रिशताब्दी के आयोजनो हेतु “लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति” का गठन किया गया है। आयोजन समिति की अध्यक्षता का दायित्व डाॅ चन्द्रकला पड़िया निर्वहन करेंगी। समाजसेवी एवं होलकर राजवंश के उदयसिंह राजे होलकर समिति के कार्याध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। प्रसिद्द नृत्यांगना पद्मविभूषण सोनल मानसिंह एवं पद्मभूषन सुमित्रा महाजन समिति की संरक्षक रहेंगी। समिति के सदस्यों में देश की कई गणमान्य विभूतियां सम्मिलित हैं ।
समारोह को संबोधित करतीं वक्ता।
सालभर आयोजित किए जाएंगे कार्यक्रम
संपूर्ण देश में वर्ष पर्यंत चलने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए आयोजन समिति की सचिव माला ठाकुर ने बताया समिति के द्वारा वर्ष भर में अनेक कार्यशालाएं, सेमिनार तथा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में लोकमाता के साहित्य का प्रकाशन किया जाएगा। लोकमाता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ तीर्थ स्थलों के चित्रों सहित एक कॉफ़ी टेबल बुक का भी प्रकाशन होगा। ललितकलाओं जैसे संगीत, नाटक, चित्रकला आदि के माध्यम से देवी अहिल्याबाई के जीवन को जन जन तक पहुंचाया जाएगा। मंच संचालन डाॅ. माला ठाकुर ने किया। इस अवसर पर चिन्मयी मुले की पुस्तक “लोकमाता अहिल्याबाई होलकर – द क्वीन ऑफ़ इंडोमिटेबल स्पीरिट” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का समापन पं. गौतम काले द्वारा वन्देमातरम के साथ हुआ। मनोज फड़नीस ने आभार माना।
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